अंतरराष्ट्रीय

अफ़ग़ानिस्तान की मौजूदा स्थिति का असर अब उसके पड़ोसी मुल्कों पर पड़ने लगा है. भारत ने कहा है कि तालिबान ने उसके साथ सीमापार व्यापार बंद कर दिया है.
आम तौर पर दोनों मुल्कों के बीच मालवाहक गाड़ियां पाकिस्तान के रास्ते से होते हुए गुज़रती हैं.
फ़ेडेरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइज़ेशन (एफ़आईईओ) ने कहा है कि गाड़ियों की आवाजाही अब रोक दी गई है जिस कारण लाखों डॉलर के सामान का आयात और निर्यात रुक गया है.
भारत के लिए व्यापार के मामले में अफ़ग़ानिस्तान उसका सबसे बड़ा सहयोगी है. अफ़ग़ानिस्तान में डैम, स्कूल और सड़कों के विकास के लिए भारत ने लाखों डॉलर का निवेश किया है.
एफ़आईईओ के महानिदेशक डॉक्टर अजय सहाय ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है, "अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति पर हम लगातार नज़र बनाए हुए हैं. वहां से आयात किया जाने वाला सामान पाकिस्तान के रास्ते हो कर भारत आता है. फ़िलहाल तालिबान से पाकिस्तान की तरफ़ जाने वाले सभी मालवाहक गाड़ियों को रोक दिया है. कहा जाए तो एक तरह से आयात पूरी तरह ठप पड़ गया है."
अफ़ग़ानिस्तान की निर्यात रणनीति पर इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में ड्राई फ़्रूट के बड़े आयातकों में भारत एक है.
ड्राई फ़्रूट आयात करने के मामले में अमेरिका, जर्मनी और हॉन्ग कॉन्ग के बाद भारत चौथे नंबर पर है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत बड़ी मात्रा में ड्राई फ़्रूट का आयात अफ़ग़ानिस्तान से करता है.
भारत के अलावा पाकिस्तान भी अपनी ड्राई फ़्रूट की ज़रूरत यहीं से पूरी करता है.
रिपोर्ट के अनुसार बादाम, किशमिश, पिस्ता, अंजीर निर्यात के मामले में भारत अफ़ग़ानिस्तान का सबसे बड़ा खरीदार है.
ऑस्ट्रेलिया के लिए काम करने वाले अफ़ग़ान इंटरप्रेटर को एयरपोर्ट के बाहर गोली मारी गई
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में आ रही ख़बरों के अनुसार ऑस्ट्रेलियाई सेना के लिए काम करने वाले अफ़ग़ान इंटरप्रेटर (दुभाषिया) को एयरपोर्ट के बाहर एक नाके पर गोली मारी गई है.
उन पर मंगलवार गोली चलाई गई थी जब वो रात को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकलने वाली एक उड़ान के लिए काबुल हवाई अड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.
'एसबीएस' और 'द गार्डियन ऑस्ट्रेलिया' में आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि डॉक्टर गोली लगे एक व्यक्ति का इलाज कर रहे हैं जिन्हें पैर में गोली लगी है.
उनकी कहानी काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुई हिंसा और भगदड़ की अनेकों कहानियों में से एक है. बड़ी संख्या में अफ़ग़ानिस्तान में फंसे विदेशी नागरिक और अफ़ग़ान नागरिक देश छोड़ कर बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं. इस प्रक्रिया में काबुल हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए उन्हें कई नाकों से हो कर गुज़रना पड़ रहा है जिन पर तालिबान के लड़ाके पहरा दे रहे हैं.
इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि ये लड़ाके केवल विदेशी नागरिकों को ही जाने का रास्ता दे रहे हैं.
जिस व्यक्ति को गोली मारी गई है उनका कहना है कि वो ऑस्ट्रेलिया के लिए निकलने वाली पहली सैन्य उड़ान में जाने वाले थे, लेकिन उन्हें एक नाके पर गोली मार दी गई.
एसबीएस के अनुसार उन्होंने साल 2010 और 2011 के बीच उरुज़्गान में ऑस्ट्रेलियाई सेना के लिए काम किया था.
ऑस्ट्रेलिया ने पुष्टि की है कि लोगों को बाहर निकालने के लिए चलाई गई पहली उड़ान के ज़रिए उसने अफ़ग़ानिस्तान से 26 लोगों को बाहर निकाला है. हालांकि इस विमान में कुल 128 लोगों के बैठने की जगह थी.
इधर अमेरिका ने कहा है कि वो हर उड़ान में 300 लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है. (bbc.com)