अंतरराष्ट्रीय

नाटो ने अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति को "कठिन और चुनौतीपूर्ण" करार दिया है और तालिबान से अपने हमले बंद करने का आह्वान किया है.
अफगानिस्तान में तालिबान का आगे बढ़ना जारी है और तालिबानी लड़ाकों ने दूसरे प्रांत पर भी कब्जा कर लिया है, अब तक उन्होंने छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने सोमवार को एक अन्य उत्तरी अफगान प्रांत समांगन की राजधानी ऐबक पर कब्जा करने की घोषणा की और पिछले पांच दिनों में तालिबान ने छह प्रांतीय राजधानियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है.
रिपोर्टों के मुताबिक अफगान सुरक्षाबलों ने शहर में अतिरिक्त सैनिकों और वायु सेना को बुलाया, लेकिन सरकार समय पर सहायता प्रदान करने में विफल रही और अफगान सेना शहर से भाग गई.
नाटो की चिंता
इस बीच नाटो के एक अधिकारी ने ब्रेसल्स में समाचार एजेंसी डीपीए से कहा, "हम तालिबान द्वारा की गई हिंसा के उच्च स्तर के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा व्यक्त की गई गहरी चिंता को साझा करते हैं. तालिबान के आक्रामक हमले, जिसमें नागरिकों पर हमले और अन्य हिंसक रिपोर्टें शामिल हैं वे गंभीर मानवाधिकारों का हनन हैं."
नाटो के अधिकारी ने कहा, "तालिबान को यह समझना चाहिए कि अगर वे राजनीतिक प्रक्रिया को अस्वीकार करते हैं और देश पर जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें कभी भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मान्यता नहीं मिलेगी. उन्हें अपने हमले बंद करने चाहिए और शांति वार्ता में भाग लेना चाहिए."
नाटो का कहना है कि इस तरह की शांति प्रक्रिया को तत्काल प्रगति देने की आवश्यकता है. संघर्ष विराम और एक राजनीतिक समझौता जो हिंसा को समाप्त करता है- खासकर वो जो महिलाओं, अल्पसंख्यकों और बच्चों के मानवाधिकारों की रक्षा करता है.
नाटो अधिकारी ने कहा, "हम सभी क्षेत्रीय हित धारकों से रचनात्मक भूमिका निभाने का आह्वान करते हैं क्योंकि एक स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान सभी के हित में है."
तेजी से बढ़ता तालिबान
रविवार को तालिबान ने कुंदूज समेत तीन राजधानी शहरों पर कब्जा कर लिया था. उत्तर में कुंदूज, सर-ए-पुल और तालोकान पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है. सोमवार को उसने ऐबक पर कब्जा कर लिया, जबकि शबरघान और निमरोज की राजधानी जरांज पर ताजा कब्जा किया है.
अब तक तालिबान छह प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका है, जबकि हेरात के बाहरी इलाके में तालिबान और सरकारी बलों के बीच भारी लड़ाई की भी खबरें हैं. लश्कर गाह पर नियंत्रण के लिए भीषण युद्ध हो रहा है.
कुंदूज वह शहर है जहां पिछले दस वर्षों से जर्मन सेना तैनात थी और जून में उसी शहर से जर्मनी लौटी थी.
तालिबान के आगे बढ़ने की खबर पर जर्मन रक्षा मंत्री आनेग्रेट क्रांप कारेनबावर ने सोमवार को कई ट्वीट पोस्ट किए, जिसमें कहा गया है, "कुंदूज सहित पूरे अफगानिस्तान से रिपोर्टें बहुत दर्दनाक और कड़वी हैं. हमने वहां अपने सहयोगियों के साथ युद्ध लड़ा और उस युद्ध में जर्मन सैनिक मारे गए."
अफगानिस्तान में जर्मन बलों की तैनाती के दौरान कई सकारात्मक पहलुओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "हम जो कुछ भी करने में असफल रहे, वह अफगानिस्तान में एक दीर्घकालिक सकारात्मक बदलाव था. भविष्य में जब भी हमें विदेश में सैनिकों को तैनात करना है, तो हमें उससे सीखने की जरूरत है." (dw.com)
एए/वीके (डीपीए, रॉयटर्स)