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'अफगानों की भलाई अमेरिका की प्राथमिकता ही नहीं है'
04-Aug-2021 1:06 PM
'अफगानों की भलाई अमेरिका की प्राथमिकता ही नहीं है'

डीडब्ल्यू को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व अफगान राष्ट्रपति मोहम्द नजीबुल्लाह की बेटी हीला नजीबुल्लाह ने कहा कि अफगान लोगों की भलाई अमेरिका की प्राथमिकता नहीं है.

 डॉयचे वैले पर कार्लोस सुरुत्सा की रिपोर्ट

हीला नजीबुल्लाह ने डॉयचे वेले से बातचीत में कहा कि जब से अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच कथित शांति वार्ता शुरु हुई और दोहा समझौता हुआ, तब से हिंसा मानवाधिकार, पत्रकारों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं की हत्याएं जैसी घटनाएं बढ़ी हैं.

नजीबुल्लाह ने कहा, "मुझे लगता है कि अमेरिका और तालिबान की बातचीत ने अपना मकसद हासिल कर लिया था जब पिछले साल दोहा समझौते पर दस्तखत हुए थे. इस समझौते का मकसद अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी था. सबको शामिल करने पर अमेरिका का ध्यान ही नहीं था. उन्होंने अफगान सरकार की इच्छाओं को समझे बिना ही समझौते पर दस्तखत कर लिए.”

नजीबुल्लाह ने कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अफगानिस्तान की राजनीतिक स्थिति पर किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाती है तो देश और क्षेत्र का भविष्य अंधकारमय है और खून-खराबा जारी रहेगा.

गृह युद्ध की चिंता
अमेरिका ने कहा है कि अफगानिस्तान को लेकर उसकी जो कई चिंताएं हैं, गृह युद्ध भी उनमें से एक है.

अप्रैल में अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को पूरी तरह वापस बुलाने का फैसला किया था, जिसके बाद देश में हिंसा में तेजी से वृद्धि हुई है. तालिबान तेजी से नए इलाकों पर कब्जा करता जा रहा है और चुन-चुनकर विरोधियों की हत्याओं का सिलसिला भी जारी है.

अफगान सरकार और तालिबान के बीच कतर की राजधानी दोहा में पिछले साल से जारी शांति वार्ता का अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है और देश में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं.

शांति वार्ता अधर में
मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि तालिबान ने दोहा में जो बातें कही हैं, अगर वह उनसे मुकरता है तो वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खारिज हो जाएगा.

प्राइस ने कहा, "जो उन्होंने कहा है, अगर वे उस पर कायम नहीं रहते हैं तो वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अछूत हो जाएंगे और हम सबकी कई चिंताओं में से एक यह है कि इसका नतीजा गृह युद्ध होगा.”

दोहा में जो शांति वार्ता चल रही है उसमें दोनों पक्ष फिलहाल किसी समाधान के करीब नहीं हैं. अमेरिका के विशेष दूत जालमे खलीजाद ने मंगलवार को बताया कि तालिबान सत्ता में बड़ा हिस्सा चाहते हैं.

अफगानिस्तान में हिंसा जारी
मंगलवार को देश की राजधानी काबुल में सबसे सुरक्षित क्षेत्र ग्रीन जोन के करीब एक कार बम धमाका हुआ जिसके बाद गोलीबारी भी हुई. अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में तीन नागरिकों की जान चली गई और तीनों हमलावर भी मारे गए.

अमेरिका ने इस हमले की कड़ी निंदा की. नेड प्राइस ने कहा, "इस हमले पर तालिबान की सारी निशानियां मौजूद हैं, जो हमने हाल के हफ्तों में देखी हैं. हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं.”

संयुक्त राष्ट्र ने भी हिंसा की निंदा की है. पिछले हफ्ते देश में अपने दफ्तर पर हुए हमले का जिक्र करते हुए एक बयान में संयुक्त राष्ट्र ने कहा, "तालिबान के सैन्य आक्रमणों के चलते अफगानिस्तान में हो रही भारी हिंसा बहुत चिंता की बात है. हम फौरन हिंसा रोकने की अपील करते हैं.” (dw.com)
 


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