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पाकिस्तान, इमेज स्रोत,DG ISPR
-इक़बाल अहमद
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने कहा है कि भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में अगर अच्छी नियत से निवेश किया होता, तो आज उन्हें जिस मायूसी का सामना करना पड़ रहा है वो नहीं करना पड़ता.
डॉन अख़बार के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में ये बात कही.
अख़बार लिखता है कि मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने कहा, "भारत की सारी कोशिश इस बात पर थी कि वो अफ़ग़ानिस्तान में अपने क़दम जमाकर पाकिस्तान को नुक़सान पहुँचा सके, लेकिन आज उनको वो तमाम निवेश डूबता नज़र आ रहा है."
इस इंटरव्यू में बाबर इफ़्तिख़ार ने अफ़ग़ानिस्तान के मुद्दे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान शांति प्रक्रिया के बहुत से पहलू हैं और इस वक़्त यह एक अति महत्वपूर्ण पड़ाव पर है, और सभी इस बात को समझते हैं.
पाकिस्तान का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका सिर्फ़ एक सहयोगी की है, पाकिस्तान उस शांति प्रक्रिया के सफल होने की गारंटी नहीं दे सकता.
इस पूरे मामले में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सेना के प्रवक्ता का कहना था कि "पाकिस्तान ने पूरी नेक नियती से इस शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की कोशिश की है, जिसमें निश्चित तौर पर दूसरे साझेदार भी शामिल रहे हैं. लेकिन यह समझने की ज़रूरत है कि इस प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका एक सहायक की है और अभी भी पाकिस्तान यह काम कर रहा है, लेकिन इस प्रक्रिया की सफलता की गारंटी पाकिस्तान नहीं दे सकता."
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का शुरू से यही मानना रहा है कि इस शांति प्रक्रिया का नेतृत्व अफ़ग़ानिस्तान को ही करना है, पाकिस्तान इसके लिए कोशिश करता रहेगा.
अफ़ग़ानिस्तान के 85 फ़ीसद इलाक़े पर क़ब्ज़ा करने के तालिबान के दावे के बारे में उन्होंने कहा कि तालिबान बढ़ा-चढ़ाकर दावे कर रहा है, मगर उनके आकलन के अनुसार तालिबान इस समय अफ़ग़ानिस्तान के 45 से 50 फ़ीसद इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर चुका है.
सेना के प्रवक्ता ने कहा कि अगर भविष्य में तालिबान पूरे अफ़ग़ानिस्तान पर सत्ता स्थापित करता है, तो यह अफ़ग़ानिस्तान की जनता का अपना फ़ैसला होगा और इसमें बाहर से उनको कोई निर्देश नहीं दे रहा है.
साथ ही उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान की सेना अगर सफल होती है तो भी ये अफ़ग़ानिस्तान की जनता का फ़ैसला होगा.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अपना कोई पसंदीदा गुट नहीं है और अफ़ग़ानिस्तान की जनता को यह तय करना है कि वो अपने देश में कैसी सरकार चाहती है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि बंदूक़ भविष्य का फ़ैसला नहीं कर सकती.
उनका कहना था कि "बंदूक़ ने पिछले 20 सालों में फ़ैसला नहीं किया, तो आगे क्या फ़ैसला करेगी. तालिबान की हालिया सैन्य सफलता एक आक्रमणकारी कार्रवाई है, लेकिन हर हालत में फ़ैसला बैठकर ही करना होगा, नहीं तो इससे गृहयुद्ध की आशंका है जिसमें किसी की भी भलाई नहीं है." (bbc.com)