गरियाबंद

सत्संग के नाम पर कबाड़ मिल रहा है, लोग ढोंग का जीवन जीने में व्यस्त-स्वामी राजीव लोचन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 25 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में विभिन्न स्थानों से पहुंचे संत महात्माओं ने अपनी अमृतवाणी से श्रद्धालुओं को भक्ति में डूबो दिया।
राजीव लोचन महराज ने कहा -मीठे व्यक्ति से मिठास को प्राप्त करने के लिए जीवन में कड़वाहट के भाव को भी सहना पड़ता हैं। सत्संग के लिए कुसंग को भी समझना पड़ेगा। आज सत्संग के नाम पर कबाड़ मिल रहा हैं लोग ढोंग का जीवन जीने में व्यस्त है। हर मनुष्य को अमृत रूपी कुंभ में डुबकी लगानी चाहिए। आज महाकुंभ प्रयाग राज में कुंभ से विधर्मी को छंटनी किया गया हैं। वैसे ही हर घर, नगर और गली में दूषित व्यक्तियों को निकाल फेंकना जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि नवीन स्थल पर कुंभ कल्प का आयोजन हो रहा है जिससे श्रद्धालुओं को आने-जाने में असुविधा न हो इसलिए आवागमन की पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए।
धर्म, कर्म, भक्ति और ज्ञान के संचार से हम महान लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है - त्रिवेंद्रानंद महाराज
त्रिवेंद्रानंद महाराज ने कहा कि इस संसार में आया कोई भी व्यक्ति बिना एक-दूसरे के आश्रय के अकेले कुछ भी नहीं कर सकता। हमें अपने जीवन के विकास के लिए किसी न किसी का सहारा लेना ही पड़ता हैं। हम प्रकृति, जीव और परमात्मा का किसी न किसी रूप में आश्रय लेते हैं। धर्म, कर्म, भक्ति और ज्ञान के संचार से हम महान लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दैवीय गुणों को अपनाइए। जब तक हम अपने धार्मिक ग्रंथ संत-महात्मा का अनुकरण नहीं करेंगे तब तक जीवन सार को नहीं ढूंढ पाएंगे। राजिम कुंभ में गंगा मैया आरती के समय साक्षात उपस्थित होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
सत्संग-भजन कीर्तन में ध्यान लगाएं तो कल्याण निश्चित - अनंतानंद महाराज
अनंतानंद महाराज ने कहा कि जब हम नोट की गड्डी को गिनते हैं। उस समय एकदम एकाग्र होते हैं। एक भी नोट छूट न जाए इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं। वैसे ही हम सत्संग, अच्छे कार्य, भजन कीर्तन में ध्यान लगाएं तो आपका कल्याण निश्चित हैं। भोग विकास पूर्ण जीवन का त्याग कीजिए और मन को शांत कर ईश्वर का हर पल स्मरण करके इस मनुज तन को सार्थक कीजिए।
संतों की वाणी कभी विफल नहीं होती - मनमोहन राज
मनमोहन राज जी महाराज ने कहा कि कुंभ कल्प में आए संतो के अमृत वचनों से हम भगवान के दर्शन पा सकते हैं। इस प्रकार के धार्मिक आयोजन हर जगह होते रहने चाहिए। सनातन परंपरा में दान का महत्व हैं। प्रयागराज और राजिम कुंभ को देखकर लगता है अतिशीघ्र भारत विश्व गुरु बनेगा। संतों की वाणी कभी विफल नहीं होती, उसका अनुसरण कर हम अपने जीवन को धन्य बना सकते हैं।
सप्ताह में एक दिन सोशल मीडिया से दूर रहने का व्रत जरूरी - दानेश्वर महाराज
आचार्य दानेश्वर जी महराज ने कहा कि आज की पीढ़ी सोशल मीडिया रूपी ज्ञान की गंगा में डूबी हैं। आज चिंतन करना जरूरी कि हम कितना समय फालतू कामों में व्यतीत करते हैं। सप्ताह में एक दिन मोबाईल, सोशल मीडिया से दूर रहने का व्रत कीजिए और परिवार के साथ मिलकर रहिए। उनसे बातें कीजिए तभी जीवन का वास्तविक आनंद लें पाएंगे।