गरियाबंद

मेरी धडक़न है, मेरी जान है राजिम, मेरी छत्तीसगढ़ की शान है राजिम...
20-Feb-2025 3:01 PM
मेरी धडक़न है, मेरी जान है राजिम,  मेरी छत्तीसगढ़ की शान है राजिम...

राजिम कुंभ कल्प मेला के मंच पर हास्य कवि सम्मेलन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजिम, 20 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में बुधवार को आंचलिक हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें कवियों ने गीत, गजल एवं छत्तीसगढ़ की गौरवगान करते हुए शानदार माहौल बनाया।

युवा शायर जितेन्द्र सुकुमार साहिल ने छत्तीसगढ़ की महिमा का गौरवगान करते हुए ‘‘मेरी धडक़न है, मेरी जान है राजिम, मेरी छत्तीसगढ़ की शान है राजिम, जो यहां आता है, यहीं का हो जाता है, हर एक सख्श पर मेहरबान है राजिम’’ की शानदार पंक्ति पढ़ी।

गीतकार टीकमचंद सेन ने गीत सुनाकर समा बांध दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरती, कमलक्षेत्र पद्मावती पुरी श्री राजीव लोचन श्री कुलेश्वर धाम लगे जैसे अमरावती।

कवि संतोष कुमार सोनकर मंडल की कविताओं ने खूब वाहवाही बटोरी। उन्होंने कहां जाबे काशी मथुरा, राजिम हाबे तीरथ धाम, सिरपुर, आरंग, भोरम के जम म छागे नाम की कविता पढ़ी।  रोहित साहू माधुर्य ने देश भक्ति गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि मां तेरे उन सपूतों को मेरा प्रणाम कह देना। नरेंद्र कुमार साहू पार्थ ने बेटियों पर कविता सुनाते हुए कहा कि बेटा-बेटी के बाढ़त उमर, दाई ददा ल बियापत हे।

कवि भोजराम साहू ने छत्तीसगढ़ के पावन माटी, मोर माथ के चंदन हे, अईसन छंईयां भुंईहा ल मोर घेरी-बेरी वंदन हें की कविता सुनाई।

 इस मौके पर कवि नूतन लाल साहू, छग्गूयास आडिल, रामेश्वर साहू, भुवन लाल श्रीवास, मकसुदन बरीवाला, मोहनलाल मानिकपन, डॉ. रमेश सोनसायटी, प्रदीप साहू कुंवर दादर की कविताओं ने माहौल बना दिया।

सर्वव्यापी श्रीराम का पुस्तक का विमोचन

मंच पर उपस्थित कवियों के द्वारा डॉ. मुन्नालाल देवदास द्वारा रचित पुस्तक सर्वव्यापी श्रीराम का विमोचन किया गया। इस मौके पर उन्होंने अपनी पुस्तक के बारे में प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन गोकुल सेन ने किया।


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