गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 6 जनवरी। बीजापुर (बस्तर) के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या को लेकर प्रदेशभर के पत्रकारों में रोष व्याप्त है। इस घटना को लेकर चौतरफा विरोध देखा जा रहा है। यह घटना पत्रकारों के लिए स्तब्ध कर देने वाली एवं बेहद दुखद घटना है। घटना के विरोध में नवापारा, राजिम, फिंगेश्वर सहित अंचल के पत्रकारों ने रविवार शाम राजिम नगर के सुंदरलाल शर्मा चौक में मौन रैली निकाल कर मोमबत्ती जलाकर मुकेश को श्रद्धांजलि दी। वहीं इस घटना को लेकर जमकर आक्रोश जताया।
मुकेश के हत्यारों को फांसी दी जाए - शर्मा
राजिम के पं. सुंदरलाल शर्मा चौक पर अपनी श्रद्धांजलि देते हुए वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर शर्मा ने पत्रकार मुकेश के हत्यारों को फांसी देने की मांग की। साथ ही पीडि़त परिवार को उचित मुआवजा राशि देने और हत्यारों की संपत्ति को राजसात करने की मांग रखी है। कहा कि बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हो। आए दिन पत्रकारों को झूठे मामले में फंसाना, मारपीट करना। ऐसे उत्पीडऩ से पत्रकारों को गुजरना पड़ता है।
सरकार बनाएं कठोर काननू - जैन
पत्रकार मनीष जैन ने कहा कि पत्रकार सबकी बात रखते है, लेकिन जब बात पत्रकारों पर आती है तो कोई आवाज उठाने वाला नहीं होता। कई बार पत्रकारों के ऊपर हमले भी हुए है। उन्होंने कहा कि सरकार ने समय पर अगर कठोर कानून बनाया होता तो ऐसी घटना नहीं होती। पत्रकार शेख इमरान और संतोष सोनकर ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पत्रकार समाज के सवालों को आवाज देते हैं - लाला साहू
समाजसेवी एवं राजिम भक्तिन माता समिति के अध्यक्ष लाला साहू ने कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है। यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। पत्रकार सिर्फ खबरें नहीं लिखते, वे समाज के सवालों को आवाज देते हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल सरकार का दायित्व है। बल्कि समाज का भी नैतिक कर्तव्य है।
मौके पर मौजूद सभी पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर के परिवार को 1 करोड़ की आर्थिक सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग रखी। वहीं सरकार से मांग किया गया कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी हो।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाडिय़ा, श्यामकिशोर शर्मा, रमेश चौधरी, मनीष जैन, कामेश्वर गोस्वामी, डॉ. लीलाराम साहू, विनोद जैन, नीरज शर्मा, सोमा शर्मा, आलोक पहाडिय़ा, श्रीकांत साहू, युवराज साहू, संतोष सोनकर, तुकाराम कंसारी, बिशेषर हिरवानी, शेख इमरान, प्रवीण देवांगन, रमेश टंडन, नागेंद्र निषाद, भोला साहू, प्रवीण साहू, जितेन्द्र सिन्हा, मनीष दुबे, उरेंद्र साहू, देवप्रसाद बघेल, तामेश्वर कुमार साहू, थानेश्वर बंजारे, नेहरू राम साहू, रमेश सोनसायटी सहित अन्य पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित थे।