गरियाबंद

सढ़ौली और मरौदा में धरती आबा जनजातीय शिविर
04-Jul-2025 3:39 PM
सढ़ौली और मरौदा में धरती आबा जनजातीय शिविर

जनजातीय परिवारों को विभिन्न योजनाओं से किया लाभान्वित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 4 जुलाई। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत जिले के 187 ग्राम पंचायतों के 334 ग्राम बसाहटों में विशेष लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया गया। इसी तारतम्य में विकासखण्ड गरियाबंद के ग्राम सढ़ौली एवं मरौदा में धरती आबा जनजातीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जनजातीय परिवार के लोगों को विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया गया।

शिविर में शासकीय योजनाओं का लाभ लेने बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे। शिविर के माध्यम से जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी एवं उनके लाभ लेने के लिए पात्रता की भी जानकारी विशेष रूप से दी गई। इनमें हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, नया राशन कार्ड, आधार कार्ड, प्रधानमंत्री जनधन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, जीवन ज्योति बीमा योजना, वन धन योजना, सामाजिक पेंशन प्रदान किया गया। इसी तरह हितग्राहियों को वृद्धावस्था पेंशन की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही पशु पालन विभाग के विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया। शिविरों में उपस्थित जनजातीय समाज के लोगों द्वारा शासन के विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया।

संबंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत सभी आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित किया गया। स्वास्थ विभाग के चिकित्सकों के द्वारा ग्रामीणों का सिकलसेल एवं एनीमिया जाँच भी किया गया।

 

 

उल्लेखनीय है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जिले के सभी विकासखण्डों के अलग-अलग स्थानों में लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन पिछले पखवाड़े में किया गया। शिविरों में जनजातीय परिवार के हितग्राहियों को शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करते हुए उन्हें विभिन्न सेवाओं का लाभ भी प्रदान किया गया। शिविर में प्रचार रथ के माध्यम से जनजातीय समाज के लोगों को उनके लिए संचालित शासन के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के साथ ही उन्हें जनकल्याणकारी योजनाओं की लाभ लेने की अपील भी की गई। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान होने से जनजातीय समाज के लोगों के विभिन्न मांगों एवं समस्याओं के निराकरण स्थल पर होने से जनजातीय समाज के लोगों में खुशहाली के नये द्वार खुल रहे है।


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