गरियाबंद

राम जी तक पहुंचने का सबसे आसान जरिया है हनुमानजी
04-Dec-2024 2:23 PM
 राम जी तक पहुंचने का सबसे आसान जरिया है हनुमानजी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 4 दिसंबर। जिला मुख्यालय के हृदय स्थल गांधी मैदान में श्री सत्संग मानस मंडली द्वारा आयोजित राम कथा में अयोध्या धाम से पधारे मानस विदुषी देवी चंद्रकला जी ने तृतीय दिवस पर श्री राम जन्मोत्सव की कथा का रसपान कराते हुए बताए कि जब जब इस धरा धाम पर धर्म को करने वालों की संख्या कम हो जाय और अधर्म करने वालों की संख्या बढऩे लगे तब तब इस भारत भूमि पर अपने संतों के लिए अपने भक्तों के हितार्थ भगवान श्री राम का अवतार होता है। राम जी तक पहुंचने का सबसे मुख्य और आसान जरिया है हनुमान जी और श्री हनुमान जी कहते है श्री रघुनाथ जी को प्रेम से बहुत प्रेम है।

प्रभु के जन्म के वैसे तो अनेक कारण है उनमें से सबसे पहला कारण है जय और विजय ये दोनों भाई बैकुंठ के द्वारपाल हैं, जो द्वार पर तो रहते हैं लेकिन फिर भी इनके मन में दुर्भाव आ गया और अभिमान के बीज ने इनके हृदय में जन्म ले लिया , एक बार संनकादिक मुनि प्रभु श्री के दर्शन भेंट के लिए पहुंचे, लेकिन जय और विजय द्वारपाल ने मुनियों को दरवाजे पर रोक दिया, मिलने ही नहीं दिया मुनियों द्वारा तीन बार आग्रह करने के बाद भी दर्शन के लिए जाने न दिया तो ऋषियों को क्रोध आया और कमंडल से जल निकाल ऋषियों ने उन्हें श्राप दिया कि जाओ तुम दोनों भाई असुर योनि में जन्म मिलेगा।

त्रेता युग में ये दिन रावण और कुंभकर्ण बने तब प्रभु ने श्री राममवतार लेकर मोक्ष दिया और यही दोनों भाई जब द्वापर युग में दंतवक्र शिशुपाल बनकर जन्मे तो इनके उद्धार के लिए प्रभु ने कृष्णावतार लेकर मोक्ष प्रदान किए।

गरियाबंद के गांधी मैदान में रामकथा के तीसरे दिवस पर अयोध्या धाम से पधारे मानस विदुषी देवी चंद्रकला ने कहा कि भक्ति में अगर आप शामिल में हो जाएं तो अच्छी बात है, पर अगर भक्ति न भी बने तो हमारे गुरुजन कहते हैं, जो भक्ति कर रहा हो उसकी सहायता कर दो तो भी तुम्हारी भक्ति है।  कथा स्थल के पास आतिशबाजी कर प्रभु श्री रघुनाथ जी के जन्मोत्सव मनाया गया देवी चंद्रकला के सोहर गीत में उपस्थित सभी मातृ शक्ति जमकर झूमे उसके बाद महाआरती किया गया।


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