गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 21 अगस्त। भाई बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षा बंधन का पवित्र पर्व अंचल में हर्षोल्लास पूर्ण माहौल में मनाया गया। ग्राम खड़मा के ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओम शाँति भवन में रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजन किया गया, जहां प्रात: सात बजे से लोगों का आवाजाही लगा रहा। क्षेत्र के युवा सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू, जनपद सदस्य नीलकंठ ठाकुर, पुर्व जनपद उपाध्यक्ष अवध राम साहू, सरपंच हेमलाल नेताम, विभिन्न समाज प्रमुख त्रिलोचन साहू, देवापी सोनी, गोविंद यादव, अघण सिह ठाकुर, साधू राम निषाद, जागेश्वर ध्रुव, प्रमोद शर्मा, नारायण निषाद, सहित क्षेत्रिय सामाजिक,व राजनीतिक कार्यकर्ता की उपस्थिती व गरिमामय माहौल मे सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी ने भारतीय संसकृति मे रक्षा बंधन की परम्परा एवं उद्देश्य बताते हुए सभी को तिलक दे कलाईयों में रक्षा-सूत्र बांध मुख मीठा कराई।
दीदी ने कहा कि त्योहारों में जब संगठन में सत्संग करते, ईश्वरीय परिवार से मिलते हैं तो हमारे अंदर नवचेतना का संचार होता है। इसके साथ ही अंदर की सुषुप्त शक्तियां जागृत हो जाती हैं। कभी- कभी कोई साधक आलस्यवश अज्ञानता रूपी कुंभकरण की नींद में सोने लग जाते हैं। तब ऐसे में इन त्योहारों से पुन: जागरण का संकल्प आ जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू ने रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है, रक्षा और बंधन। इस बंधन में बहन-अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। उन्होंने कहा कि आज धीरे-धीरे इस प्यार के बंधन के मायने ही बदल गए हैं, लेकिन ब्रह्मकुमारी आश्रम की बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर बदले में महंगे उपहार न लेकर केवल मात्र भाइयों की जीवन से बुरी आदतें छोडऩे का वचन लेती हैं। परमात्मा से बंधन ही हमारा लक्ष्य है। बच्चों में अच्छा संस्कार देना चाहिए। इस अवसर पर रायपुर, अभनपुर, राजिम, छुरा, फिगेंश्वर,पांडुका, क्षेत्र के युवा सामाजिक कार्यकर्ता स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्राम व क्षेत्रवासी सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।