गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 5 जून। त्रिवेणी संगम बेलाहीघाट स्थित श्री पंच दशनाम जुना अखाड़ा के महंत श्री दिगंबर जनकपुरी नागा सन्यासी आज सुबह देह त्याग कर ब्रह्मलीन हो गए।
53 वर्षीय श्री जनकपुरी बाबा पिछले 20-22 वर्षों से यहां त्रिवेणी पुल के अंतिम छोर के पास अपने आश्रम का निर्माण कर धार्मिक अनुष्ठान करते आ रहे थे। राजिम कुंभ कल्प मेला अवसर पर साधु संतों के साथ उनके सानिध्य से भक्तों में काफी उत्साह देखा जाता था। वे सरल स्वभाव के साथ-साथ बहुत गहरा धार्मिक विचारधारा के थे।
आज उनके ब्रम्हलीन की खबर लगते ही अंचल में शोक की लहर छा गई। छत्तीसगढ़ मंडल श्री महंत स्वामी उमेशानंद गिरि जी, लोमस ऋषि आश्रम के श्री महंत गोकुल गिरी जी, मारुति नंदन जी, सेवक गण टेकचंद मेघवानी,अशोक साहू, रूपेंद्र चंद्राकार, कैलाश साहू, नेहरू साहू, मोनी बाबा, अंबा पुरी, रमेश पुरी, चंदन भारती, पारस भारती, सत्यानंद गिरी, गोपेश्वर साहू, कोकड़ी सहित बड़ी संख्या में उनके शिष्य गण एवं भक्तगण उपस्थित होकर श्रद्धांजलि अर्पित किए।