गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 24 जनवरी। मैनपुर में शिव महापुराण कथा के छठवें दिन पं. नंदकिशोर चौबे ने कहा कि शिवपुराण की कथा मोक्षदायिनी है। कथा को श्रवण करने मात्र से प्राणी पाप बंधन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं।
उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन में पहुंचकर कथा श्रवण करना, यह पुण्य कर्मों से ही प्राप्त होता है। कथा में वही लोग पहुंच पाते हैं, जिन पर भगवान की कृपा होती है।
पं. नंदकिशोर चौबे ने कहा कि भगवान शंकर ने अपने भक्तों के कल्याण के लिए ही विषपान किया था। उसी के चलते वह नीलकंठ कहलाए। शंकर इतने भोले हैं कि जल का लोटा शिवलिंग पर अर्पण करने मातृ से प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा महापुराण सुनने मात्र से ही वंश में वृद्धि होती है शिव महापुराण कल्पवृक्ष के समान है। सनातन धर्म में बहुत सारे पुराण और ग्रंथ हैं जैसे कि विष्णु पुराण ब्रह्म पुराण अग्नि पुराण जैसे और भी ग्रंथ है, इस तरह शिव पुराण है शिव जी विश्वास और भक्ति के भूखे हैं। इस पूरे मास में भक्त शिव महापुराण कथा का श्रवण करते हैं तो उन्हें भगवान शिव की कृपा से आनंददायक जीवन की प्राप्ति होती है। कथा श्रवण से उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा -अपने धर्म को जोडऩा हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है शिव भक्तों को ओम नम: शिवाय का हर दिन जाप करना चाहिए।