गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 5 मई। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी जिला अध्यक्ष मिश्रीलाल तारक, विकास खण्ड फिंगेश्वर अध्यक्ष यशवंत कुमार साहू, तहसील अध्यक्ष तुलसी राम धनकर सचिव शोभाराम साहू, कोषाध्यक्ष शंकर लाल साहू, उपाध्यक्ष मायाराम जांगड़े, रामदयाल साहू, सुनीता यादव, अंजनी यादव, बिमला धनकर, मुरारी लाल सोनी,लीलाराम साहू, देवनाथ साहू,मानिक राम साहू आदि सदस्यों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 (सातवाँ वेतनमान) को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था।
राज्य के कर्मचारियों (शिक्षक संवर्ग को छोडक़र) को सातवें वेतन आयोग के अनुशंसा अनुसार वेतनमान स्वीकृत हुआ था। लेकिन राज्य के कर्मचारियों को एचआर सातवे मूलवेतन के स्थान पर छठवे मूलवेतन पर पुराने 10 फीसदी एवं 7 फीसदी दर पर आज पर्यन्त दिया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों को सातवे मूलवेतन में 1 जुलाई 2017 से 30 जून 2021 तक 16 फीसदी एवं 8 फीसदी के दर से एचआर मिला था तथा 1 जुलाई 2021 से आज तक 18 फीसदी एवं 9 फीसदी के दर से एचआर मिल रहा है। एक ही राज्य में केंद्रीय एवं राज्य शासन के कर्मचारियों को गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति के मामले में दोहरा मापदंड अपनाया गया है।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर पर राज्य के कर्मचारियों ने केन्द्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता एवं गृहभाड़ा भत्ता सहित अन्य मुद्दों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन एवं अनिश्चित हड़ताल विगत वर्ष किया था। राज्य शासन ने अनेक कमिटियों का गठन भी किया लेकिन आज पर्यन्त निर्णय नहीं लिये जाने के कारण राज्य के 406854 कर्मचारी आहत हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2016 से 30 अप्रैल 2023 तक कुल 88 माह में कर्मचारियों को पुराने दर 10 फीसदी एवं 7 फीसदी में हुए न्यूनतम आर्थिक क्षति का विस्तृत जानकारी दिया है।


