गरियाबंद

मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिल रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 6 मार्च। विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से लगभग 32 किमी की दूरी पर बसा हुआ चिपरी पुरानी बस्ती के एनआरएसटीसी गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण केंद्र साल भर से बंद होने के कारण 23 बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बंद है। बच्चों को प्रारंभिक एवं अनिवार्य शिक्षा मिले। इस दिशा में केंद्र एवं राज्य सरकार कृत संकल्पित होने के साथ ही शिक्षा के अधिकार कानून 2009 भी लाया गया है, उसके बाद भी यहां के बच्चों के भविष्य अंधकारमय होने लगा है प्रारंभिक शिक्षा के नींव ही मजबूत नहीं होगी तो बच्चों के भविष्य क्या हो सकता है।
ज्ञात हो कि चिपरी पुरानी बस्ती से जहाँ प्राथमिक शाला केंद्र छिंदभटठी व खरथाबेडा गांव की दूरी 4 से 5 किमी होने के साथ ही वनांचल इलाका जंगलों से घिरा हुआ जंगली वन्य प्राणियों के अलावा नदी नाले से होकर पगडंडी रास्तों से गुजारना पड़ता है। छोटे बच्चे क्या जवानों को भी उस रास्ते से गुजरने के लिए भयंकर परेशानी होती है, तो भला बच्चे कैसे वहां तक पहुंच कर पढ़ाई कर पाएंगे नामुमकिन ही नहीं भारी मुश्किल भी है।
इस परिस्थितियों को देखते हुए 2014 में एनआरएसटीसी गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण केंद्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चिपरी पुरानी बस्ती में खोला गया वहीं पर बच्चों की पढ़ाई अनुदेशक शिक्षक बिसरू राम मरकाम के माध्यम से होने लगा।
वर्षों बाद शिक्षा के अलख गांव में जगने लगी ग्रामीणों में खुशहाली आई कि अब हमारे गांव के बच्चों के भविष्य गढऩे लगा है। लेकिन दुर्भाग्य है ग्रामीणों के सपना चकनाचूर हुआ और 7 साल बाद वहां के आवासीय विशेष प्रशिक्षण केंद्र 2022 में बंद हो गई। साल भर से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया पढ़ाई लिखाई तो दूर मध्यान्ह भोजन भी नसीब नहीं हो रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्र से प्राथमिक शिक्षा के लिए जाने वाले मासूम बच्चों का भी भविष्य चकनाचूर हो गया है, क्या यही शिक्षा के अधिकार कानून है। ग्राम चिपरी के मुखिया शिकारी राम मरकाम, ग्राम पटेल विश्राम मरकाम, जगदेव राम,फगनू राम, सुद्धू राम,राम सिंह, जगत राम,दशरथ राम, सोनार राम,रमेश कुमार, सुशीलाबाई,सुकबाई,कलेन्दरी बाई, सोनई बाई,फूलमती बाई ने संयुक्त रूप से जानकारी दिया कि हमारे गांव में स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा एनआरएसटीसी विशेष प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था, जहां 23 बच्चे अध्यनरत थे लेकिन साल भर से बंद हो जाने के कारण यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में हो गया है।
मध्यान्ह भोजन से भी बच्चो को वंचित होना पड़ रहा है। इसलिए हमारे ग्राम में बंद पड़े स्कूल को यथावत चालू करवाने की मांग समस्त ग्रामीणों के द्वारा जिला के कलेक्टर, एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी से किया है।
बीईओ मैनपुर महेश पटेल ने कहा कि चिपरी गांव के एनआरएसटीसी बंद है जिसका संपूर्ण वस्तुस्थिति की जानकारी संकुल समन्वयक से लेते हुए मध्यान्ह भोजन एवं बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो ऐसा व्यवस्था की जाएगी।
बीआरसीसी मैनपुर बी एस नागे ने कहा कि इस संबंध में बीईओ मैनपुर ही ज्यादा बता पाएंगे। इचरादी गाँव जैसा मामला यहां का भी है वस्तुस्थिति जांच के पश्चात बच्चों के भविष्य को देखते हुए व्यवस्था बनाई जाएगी।
ग्राम पटेल विश्राम सिंह मरकाम ने कहा, हमारे गांव से प्राथमिक शाला की दूरी अधिक होने के कारण यहां के बच्चों का नाम दर्ज तो छिन्दभ_ी स्कूल में है, लेकिन सुविधा के अनुसार हमारे चिपरी गांव में स्कूल खोला गया था, जो साल भर से बंद है बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। मध्यान्ह भोजन नहीं मिल पा रही है इस दिशा में स्कूल शिक्षा विभाग को तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए।
सरपंच सखाराम मरकाम ने बताया, चिपरी में एनआरएसटीसी खोला गया था बच्चों के हित मेंं चालू किया जाना चाहिए। इस गांव के मासूम बच्चे साल भर से शिक्षा से दूर तथा शासन द्वारा खोला गया स्कूल भी बंद है। शिक्षा विभाग तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर उचित व्यवस्था बनाएं अन्यथा चिपरी गांव के ग्रामीणों के साथ विकासखंड मुख्यालय मैनपुर तक अपनी बुनियादी मांग को लेकर पदयात्रा करने विवश होंगे।