गरियाबंद

श्रेष्ठ समाज निर्माण के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए-रूपसिंग
07-Mar-2022 3:57 PM
श्रेष्ठ समाज निर्माण के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए-रूपसिंग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 7 मार्च। 
खड़मा के ओम शांति भवन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एवं राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में श्रेष्ठ समाज के निर्माण में विभिन्न वर्गो का योगदान विषय पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू, अध्यक्षता क्षेत्रीय मुख्यालय सेवा केंद्र राजिम के मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने की। विशेष अतिथि के रूप में जनपद सदस्य लग्नी बाई साहू व ग्राम सरपंच प्रेमाराम कंवर मौजूद रहे। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमार नारायण भाई उपस्थित थे।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमार नारायण भाई जी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हमारा सामाज भौतिक रूप से उन्नति कर तो रहा है, साथ ही साथ समाज में नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। हम दाता के बच्चे है, परमात्मा और प्रकृति दोनों ही दाता है। हमारा मूल स्वरूप तो आत्मा है, जो परमात्मा शिव पिता का ही संतान है। परमात्मा पिता ने हमें ज्ञान, गुण, शक्ति, आंनद, प्रेम, खुशी, सुख, शांति देता है। वहीं प्रकृति सूर्य ऊर्जा का, चंद्रमा शीतलता का, बादल जल का, वृक्ष फल, फूल, औषधी का प्रदान करता है।

इसी प्रकार इंसान भी परमात्मा से प्राप्त जीवन मूल्यों को दाता बनकर बांट कर ही धन्य होता है। उन्होंने कहा कि जब भारत को सोने की चिडिय़ा कहलाता था, तब भारतवर्ष में देव युग था।
भारत स्वर्णिम भारत था। यहां मानव दैवीय गुणों व शक्तियों से सम्पन्न थे। सभी के अंदर कल्याण की भावना समाहित थी। सभी के अंदर दाता पन के भाव थे, कारण था पवित्रता। पवित्र मन, पवित्र हृदय से ही किए श्रेष्ठ कार्य, श्रेष्ठ समाज की परिकल्पना की जा सकती हैं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि रूपसिंग साहू ने कहा कि मन में दृढ़ संकल्प लें तो बड़े से बड़ा कार्य सहजता के साथ कर सकते हैं। ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ऐसी संस्था है, जहां से व्यक्ति को समाज, परिवार को सही दिशा में चलने प्रेरणा मिलती है। यहां भाई बहनों के अंदर ईश्वर व सामाज के प्रति समर्पण भाव किए कार्यों ने समाज को एक नया आयाम दे रही है। अध्यक्षीय उद्बोधन में ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने आशीर्वचन देते कहा कि खुशी जैसी खुराक नहीं। जीवन में सब चला जाए पर खुशी नहीं जाना चहिए। आज संसार के बड़े से बड़े उद्योगपतियों के पास अरबों खरबो की मिल्कियत है पर जीवन में सुख, शांति की कमी है, लेकिन गरीबों के हाथ में संसार की खुशियां है।

कार्यक्रम को सरपंच प्रेमाराम कंवर व संस्था के वरिष्ठ सदस्य बीके अगहन सिंग ठाकुर ने भी संबोधित किया। तत्पश्चात् ग्राम खड़मा की वरिष्ठ 98 वर्षीय जलवंति बाई का सम्मान किया गया।  जलवंति बाई खड़मा सेवा केंद्र में विगत 30 वर्षों से सेवा दे रही है।
इस अलावा संस्थान के वरिष्ठ सदस्य ब्रह्माकुमार तेजस्वी भाई, अगहन सिंग ठाकुर, बीके गोविंद यादव, बीके हेमलाल भाई, अलख भाई, तिहार सिंग भाई, सज्जन भाई,  गोपाल भाई, गौरिमता, शांति माता, रधियामाता, पीली माता, निर्मला माता, कुमारी आदि का सम्मान किया गया। इस अवसर पर सेवाकेंद्र अन्तर्गत गरियाबंद, छुरा, देवभोग, कोपरा, श्यामनगर, चम्पारण, कौंदक़ेरा, फिंगेशवर, रसेला, कसहीबाहरा, रानीपरतेवा, कोरासी, मेडली, पिपरछेरी, गायडबरी, करचाली, हरदी, छुरा सहित अन्य क्षेत्र के ब्रम्हाकुमारी बहने एवं समाज प्रमुख व ग्रामीणजन उपस्थित थे।


अन्य पोस्ट