गरियाबंद

11 साल बाद भी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की दूसरी किस्त नहीं मिली
07-Dec-2021 2:19 PM
 11 साल बाद भी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की दूसरी किस्त नहीं मिली

किसानों ने किया फिर चक्काजाम
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
गरियाबंद,  7 दिसंबर
।  जिले के देवभोग के कुम्हडई खुर्द और कुम्हडई कलां के 28 किसान परिवारों ने 11 साल बाद भी तेल नदी पर पुल के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे की दूसरी कि़स्त नहीं मिलने से नाराज होकर आज एक बार फिर चक्काजाम कर धरना-प्रदर्शन किया। दोपहर 2 बजे समाचार लिखते तक किसान मुआवजा राशि नहीं मिलने तक चक्काजाम की बात कह रहे हंै, वहीं अधिकारी किसानों को मनाने में जुटे हैं।

 पीडि़त किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के 11 साल बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। किसानों के मुताबिक पहली किस्त मिल चुकी है, पर 63 लाख से अधिक की दूसरी कि़स्त जिला प्रशासन के खजाने में जमा हो जाने के बाद नहीं मिल पा रही है। किसानों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगया है।

देवभोग एसडीएम टीआर देवांगन की माने तो किसानों के मुआवजे की दूसरी कि़स्त जारी हो चुकी है, मगर शासन के नियम कायदे आड़े आने के कारण किसानों को राशि वितरण नहीं की जा सकी है। उन्होंने उच्चाधिकारियों से मिले दिशा - निर्देश का हवाला देते हुए बताया कि किसानों को अब मुआवजा राशि के बदले पुनर्वास नीति के तहत अनुदान राशि दी जाएगी।  किसान अनुदान राशि लेने के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि वे शासन से अपना हक मांग रहे हैं, न की भीख।  किसानों के अनुसार अनुदान राशि उनके लिए मुआवजा राशि की अपेक्षा ऊंट के मुंह में जीरा के समान होगी।

वहीं भाजपा भी अब इस मामले में किसानों के साथ खड़ी नजर आ रही है। पूर्व संसदीय सचिव एवं भाजपा नेता गोवर्धन मांझी ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए जारी 63 लाख की राशि किसानों को वितरण करने की मांग की है। यही नहीं जल्द ही किसानों को राशि नहीं मिलने की स्थिति में उन्होंने किसानों के साथ धरने पर बैठने की चेतावनी भी दी है।  दोपहर 2 बजे समाचार लिखे जाने तक किसानों का चक्काजाम जारी है।
 

 


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