संपादकीय
मुम्बई में कांग्रेस और एनसीपी के नेता रहे भूतपूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के कत्ल को लेकर मीडिया में खबरें पटी पड़ी हैं, इसलिए भी कि फिल्म इंडस्ट्री के इलाके के पार्षद, विधायक, और मंत्री रहे इस नेता के इर्द-गिर्द फिल्मी सितारों के चेहरे दिखते रहते थे। इस बार जेल में बंद भारत के एक सबसे चर्चित गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की तरफ से दावा किया गया है कि बाबा सिद्दीकी को उसके शूटरों ने मारा है क्योंकि वह सलमान खान का साथ देता है जिसे मारने की घोषणा इस गिरोह ने पहले से की हुई है। कुछ महीने पहले सलमान खान के घर पर गोलियां भी चलाई गई थीं, और तब से सलमान खान और उसके घर की हिफाजत पुलिस की तरफ से बढ़ा दी गई है। लेकिन पुलिस की हिफाजत अधिक मायने इसलिए नहीं रखती कि वाई केटेगरी की सुरक्षा बाबा सिद्दीकी को जान से मारने की धमकी के बाद दी गई थी, लेकिन मामूली नौजवान शूटरों ने आकर बाबा सिद्दीकी को खत्म कर ही दिया। अखबारी खबरें बताती हैं कि लगातार जेल में बंद रहकर लॉरेंस बिश्नोई अपने को तो दुश्मनों के हमले से बचा ही रहा है, वह जेल अफसरों की मेहरबानी से वहां से फोन पर दुनिया भर में बिखरे अपने गिरोह को चलाता है, और कत्ल करवाता है। कई भरोसेमंद खबरें बताती हैं कि दुनिया के दूसरे देशों में भी वह जुर्म करवाता है। जैसा कि उसके नाम से जाहिर है, लॉरेंस बिश्नोई बिश्नोई समुदाय से आता है, और इसी से लेकर सलमान खान से दुश्मनी की एक वजह सामने आई है।
लोगों को याद होगा कि 1998 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान राजस्थान के जोधपुर में सलमान खान वहां गए हुए थे, और वहां काले हिरण के शिकार का एक मामला उन पर दर्ज हुआ जो कि बरसों तक खबरों में बने रहा। बिश्नोई समुदाय काले हिरण को अपने आध्यात्मिक मुखिया भगवान जम्बेश्वर का अवतार मानता है, और इस घटना के बाद से पूरा समुदाय सलमान के खिलाफ रहा। लोगों ने ऐसी तस्वीरें देखी होंगी जिनमें बिश्नोई समुदाय की महिलाएं अपने बच्चे को दूध पिलाने के साथ-साथ काले हिरण के बच्चे को भी अपने स्तन से दूध पिलाते दिखती हैं। शिकार के मामले के बाद अखिल भारतीय बिश्नोई समाज के अध्यक्ष देवेन्द्र बुधिया ने सार्वजनिक रूप से यह सुझाया था कि सलमान खान को समाज के मंदिर में आकर अफसोस जाहिर करना चाहिए, और यह शपथ लेनी चाहिए कि वे वन्य जीवन और पर्यावरण को बचाने का काम करेंगे, उन्हें समुदाय से माफी मांगनी चाहिए, और समाज इस पर विचार करेगा। अब इसी तरह की कुछ बात भाजपा के एक नेता, पूर्व राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने भी की है। उन्होंने कहा है कि काले हिरण को बिश्नोई समाज देवता की तरह पूजता है। आपने उसका शिकार किया जिसके कारण बिश्नोई समाज की भावनाएं बहुत आहत हुईं। इन भावनाओं का सम्मान करते हुए अपनी बड़ी गलती के लिए सलमान को समाज से माफी मांगना चाहिए।
इतने बरस पहले से काले हिरण के शिकार का मामला सलमान पर चले आ रहा था, और इस शिकार की घटना से आहत बिश्नोई समाज यह देखकर हैरान था कि एक अरबपति फिल्मी सितारा होने की वजह से सलमान के खिलाफ मामला किसी किनारे पहुंच ही नहीं रहा था। लेकिन भारत की न्याय व्यवस्था तो सभी लोगों के लिए मौजूद है, और पैसेवाले-ताकतवर लोगों में सलमान अकेले तो हैं नहीं जिन्हें न्याय व्यवस्था में रियायतें मिल रही हों। जिसके भी पास पैसा या ताकत है, उन सभी को न्याय व्यवस्था को तरह-तरह से प्रभावित करने का हक हासिल रहता है। लेकिन धार्मिक भावनाओं के चलते बिश्नोई समाज अधिक विचलित था, और फिर उसे लॉरेंस बिश्नोई की शक्ल में एक ऐसा गैंगस्टर हासिल है जो कि इस मुद्दे को किसी भी हद तक बढ़ाने की ताकत रखता है।
अब सवाल यह उठता है कि अलग-अलग धर्मों या सम्प्रदायों की भावनाओं को लेकर अगर भारत की न्याय व्यवस्था से परे इस तरह की एक समानांतर व्यवस्था लागू की जाए, और एक किस्म से बंदूक की नोंक पर किसी को आकर माफी मांगने को मजबूर किया जाए, तो भारत का कौन सा कानून ऐसी जिद का समर्थन करता है? और फिर किसी की जान लेने की धमकी के बाद उसे बचने के लिए ऐसी सलाह देना कहां तक जायज है? ऐसे सिलसिले का अंत कहां जाकर होगा? हमने भारत के पड़ोस के पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर किसी को भी पुलिस हिरासत से छीनकर उसकी भीड़त्या कर देने के कितने ही मामले देखे हैं। दुनिया में जिन और देशों में धर्मान्ध भीड़ का राज चलता है, वहां यही होता है। हिन्दुस्तान में भी गौरक्षा के नाम पर ऐसे कई कत्ल हुए हैं जिनमें भीड़ अपने आपको गौप्रेमी बताते हुए किसी भी पशु व्यापारी का कत्ल करने पर आमादा रहती है, और कई प्रदेशों में सरकारें भी ऐसे हत्यारों को बचाने के लिए ओवरटाइम मेहनत करने लगती हैं। अगर कत्ल की धमकी देकर किसी से ऐसी माफी मंगवाने का सिलसिला शुरू हो गया, तो फिर हमने पंजाब में भी कुछ गुरुद्वारों में मानसिक विचलित लोगों को गुरुद्वारे की बेअदबी करने का आरोप लगाती हुई भीड़ के हाथों मारे जाते देखा है। लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था में यह सिलसिला बहुत खतरनाक है।
भारत को सोचना चाहिए कि आज गुजरात की जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई यह किस तरह का माफिया राज देश में चला रहा है? उसे यह भी सोचना चाहिए कि महाराष्ट्र में एक पखवाड़े पहले कत्ल की धमकी देने के बाद वाई केटेगरी सुरक्षा के बीच कांग्रेस-एनसीपी नेता का किस तरह कत्ल कर दिया जाता है, और सरकार देखती रह जाती है। इन दो राज्यों से परे देश में भी आज भाजपा की अगुवाई वाली सरकार है, और केन्द्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि देश-विदेश तक फैले हुए जुर्म और आतंक के ऐसे साम्राज्य को खत्म करने के लिए उस पर कैसी जिम्मेदारी बनती है? (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)


