दुर्ग

होम आइसोलेशन केयर फीडबैक में दुर्ग इस सप्ताह भी नंबर एक पर
16-Feb-2021 3:34 PM
होम आइसोलेशन केयर फीडबैक  में दुर्ग इस सप्ताह भी नंबर एक पर

360 मरीजों से लिया गया था फीडबैक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 फरवरी।
कोविड केयर को लेकर दुर्ग जिले का होम आइसोलेशन मॉडल पूरी तरह कारगर रहा है। इस बार भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा हुए सर्वे में फीडबैक में दुर्ग जिले को प्रदेश में प्रथम स्थान मिला है। फीडबैक के दौरान पूछे गए प्रश्नों पर मरीजों ने होम आइसोलेशन माडल को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

360 मरीजों से फीडबैक में विभिन्न तरह के प्रश्न पूछे गये थे। पूरे प्रदेश में इसी तरह से कोविड मरीजों से प्रश्न पूछे गये थे, इसके आधार पर फीडबैक रिपोर्ट तैयार की गई, जो कल जारी हुई है। इसमें दुर्ग जिले को 10.51 अंक मिले हैं। 
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में लगातार होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की मानिटरिंग की जा रही है। पूरे जिले को विभिन्न जोन में बांटकर 12 मेडिकल आफिसर के नेतृत्व में टीम बनाई गई है, जो मरीजों का फ ीडबैक ले रही है और उन्हें मार्गदर्शन कर रही है। मरीजों से मिले फीडबैक पर कंट्रोल सेंटर की मेडिकल प्रभारी डॉ. रश्मि भुरे नजर रखती हैं और आवश्यकता पडऩे पर त्वरित इलाज के लिए हास्पिटल रिफर करने का निर्णय लेती हैं।

फीडबैक में मरीजों से पूछा गया कि आप नियमित दवा लेते हैं या नहीं। इसमें 99 फीसदी लोगों का जवाब था हां। स्वास्थ्य कर्मी आपके नियमित संपर्क में हैं या नहीं, इसमें 97 फीसदी का जवाब हां था। 99 फीसदी मरीजों ने कहा कि उनके स्वास्थ्य का नियमित फालोअप हो रहा है और वे इससे संतुष्ट हैं। 

93 फीसदी लोगों ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने बचाव के लिए दवा ली है। फीडबैक में 99 फीसदी लोगों ने बताया कि कोविड के लक्षण वाले मरीज के पारिवारिक सदस्यों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। ऑक्सीमीटर जो कोविड की गंभीरता को जानने का अहम माध्यम है का 98 फीसदी लोगों ने इस्तेमाल करने की बात कही। घर में ब्लीचिंग पाउडर से सफाई की बात 98 फीसदी लोगों ने कही। 

सर्वे में यह भी पूछा गया कि आपको कौन सा लक्षण आने पर अपने चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद जरूरी है। इसका सही जवाब शत प्रतिशत लोगों ने दिया। उल्लेखनीय है कि अब तक होम आइसोलेशन केयर मॉडल के अंतर्गत जिले में 18 हजार मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया जा चुका है।
 


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