दुर्ग

बच्चे की हत्या, सौतेले पिता व मां को आजीवन कारावास
22-Nov-2025 6:06 PM
बच्चे की हत्या, सौतेले पिता व मां को आजीवन कारावास

माता-पिता हमेशा बच्चे के साथ करते थे जमकर मारपीट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 नवंबर।
4 वर्षीय मासूम बच्चे के साथ दरिंदगी पूर्वक मारपीट कर उसकी हत्या कर देने वाले माता-पिता को कोर्ट ने सजा दी है। जिला सत्र न्यायाधीश दुर्ग के विनोद कुजूर की कोर्ट ने आरोपी मनप्रीत सिंह एवं गायत्री साहू को धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास एवं 1000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक एमके दिल्लीवार ने पैरवी की थी।
 

आरोपी मनप्रीत सिंह निवासी दौलतपुर थाना मोंगा पंजाब हाल मुकाम काजू मुसलमान का मकान शंकर नगर कुम्हारी वार्ड नंबर 10 ने गायत्री साहू निवासी ग्राम कचना, मड़ेली, थाना भखारा जिला धमतरी के साथ विवाह किया था। गायत्री साहू के पूर्व पति से उसका 4 वर्षीय पुत्र जगदीप सिंह एवं 8 वर्षीय पुत्री अर्पिता कौर थी। शादी के बाद मनप्रीत सिंह अपनी पत्नी गायत्री साहू, सौतेले पुत्र जगदीप सिंह, पुत्री अर्पिता कौर के साथ शंकर नगर वार्ड नंबर 10 कुम्हारी में काजू मुसलमान के घर किराए पर रहने लगा था। 31 जनवरी की शाम को आरोपी मनप्रीत सिंह एवं उसकी पत्नी गायत्री साहू अपने चार वर्षीय बालक जगदीप सिंह के साथ हाथ मुक्के से मारपीट किए। मनप्रीत ने बच्चे के पेट एवं गुप्त जगह पर लात से वार किया। इसके बाद उसने जगदीप को जमीन पर पटक दिया जिससे बच्चों को गंभीर चोटे आई थी। कुछ देर बाद ही बच्चे ने दम तोड़ दिया था।

कुम्हारी थाना पुलिस ने मनप्रीत सिंह एवं गायत्री साहू को गिरफ्तार कर लिया था।  आरोपी मनप्रीत सिंह मासूम बच्चे जगदीप सिंह के साथ हमेशा मारपीट करते रहता था। पति-पत्नी के बीच भी कई बार लड़ाई होती थी परंतु बाद में मामला सुलझ जाता था। आरोपी अपने बच्चे जगदीप के साथ कुछ माह पूर्व  भी मारपीट किया और बच्चों के गले में रस्सी बांधकर हाथ से ऊपर पकड़ कर लटका दिया था। जब बच्चा तड़पने लगा तब मोहल्ले वाले एकत्र हो गए और इसका विरोध किया। तब आरोपी उसे छोडक़र भाग गया था। इस घटना में बच्चे के गले में रस्सी के निशान बन गए थे, बेहोश हो रहे बच्चे को किसी तरह बचाया गया था। कुछ दिन बाद फिर आरोपी ने अपने बच्चे को हाथ मुक्के से मारा था जिससे उसके होंठ फट गए थे। लगातार बच्चे के साथ मारपीट करने एवं हत्या करने की कोशिश को देखकर मोहल्ले वालों ने मकान मालिक से कहकर उसका मकान खाली करवा दिया था। इसके बाद से ही वह काजू मुसलमान के यहां किराए पर रह रहा था।


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