दुर्ग
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 अक्टूबर। नगर निगम दुर्ग क्षेत्र में आयोजित सांसद खेल महोत्सव 2025 का समापन हुआ। मुख्य अतिथि महापौर अलका बाघमार ने युवा खिलाडिय़ों और नागरिकों की भारी उपस्थिति ने वातावरण को उत्साह और उमंग से भर दिया।
महापौर अलका बाघमार ने खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा खेल न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि मन को भी दृढ़ बनाते हैं। युवा पीढ़ी को खेलों से जुडक़र अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम भावना को अपनाना चाहिए।खेल समाज में एकता, सहयोग और सौहार्द का प्रतीक हैं। सांसद खेल महोत्सव युवा पीढ़ी को सकारात्मक दिशा देने वाला महोत्सव है।
इस अवसर पर उपायुक्त मोहेंद्र साहू, कार्यपालन अभियंता विनीता वर्मा, गिरीश दीवान, संजय ठाकुर, हरिशंकर साहू,विनोद मांझी,मोहित मरकाम, पंकज साहू, विकास दमाहे, प्रेरणा दुबे सहित नगर निगम अधिकारी-कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
दो दिवसीय (14 व 15 अक्टूबर समापन खेल महोत्सव के अंतर्गत आधुनिक और पारंपरिक दोनों प्रकार के खेलों का आयोजन किया गया। महात्मा गांधी स्कूल मैदान, सुराना कॉलेज मैदान, और रविशंकर स्टेडियम में विभिन्न खेलों की प्रतियोगिताएं हुईं।
आधुनिक खेलों में वॉलीबॉल, कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, योगासन, एथलेटिक्स (100 मीटर व 400 मीटर दौड़) जैसी प्रतिस्पर्धाएं हुईं,जबकि पारंपरिक खेलों में कबड्डी, खो-खो, गेड़ी (पुरुष वर्ग), फुगड़ी और सुरीली कुर्सी (महिला वर्ग) ने दर्शकों का मन मोह लिया।
महोत्सव में खिलाडिय़ों को तीन आयु वर्गों में विभाजित किया गया था, जिसमें 18 वर्ष तक,18 से 40 वर्ष तक, 40 वर्ष से अधिक लोग शामिल थे। सभी वर्गों में खिलाडिय़ों ने खेल भावना और जोश के साथ हिस्सा लिया।
एकल खेलों में बोरा दौड़, पैदल चाल, 100 मीटर दौड़ जैसे मुकाबले हुए। वहीं दलीय खेलों में रस्साकसी, फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल जैसी टीम स्पर्धाओं में रोमांच देखने को मिला।
दो दिनों के इस खेल में कुल 95 खिलाडिय़ों ने जीत दर्ज की। इनमें वेटलिफ्टिंग 8 बॉयज, 6 गर्ल्स, कुश्ती 12 बॉयज, 5 गर्ल्स (कुल 31 विजेता), खो-खो 54 प्रतिभागी, फुगड़ी कबड्डी 35 खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल 126 खिलाडिय़ों ने हिसा लिया। वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश दिया कि- खेल उम्र नहीं, बल्कि उत्साह की पहचान हैं।
15 अक्टूबर को आयोजित समापन समारोह में महापौर अलका बाघमार ने कहा खेलों के माध्यम से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से सशक्त बनता है, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और सहयोग की भावना भी विकसित करता है। ऐसे आयोजन समाज में नई ऊर्जा का संचार करते हैं।


