दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 13 अक्टूबर। दीपावली में होने वाली आतिशबाजी को लेकर प्रशासन ने अलर्ट मोड पर आ गया है।
दुर्ग जिले में संचालित समस्त स्थायी व अस्थायी पटाखा दुकानों में आग से बचाव हेतु नगर सेना, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं तथा एसडीआरएफ मुख्यालय अटल नगर नवा रायपुर से एडवाइजरी जारी किया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि पटाखा दुकानों का निर्माण बांस बल्ली और कपड़े के बजाय टिन शेड के रूप में किया जाए। इसके अलावा दुकानों पर पांच किलो क्षमता का डीसीपी अग्निशमन यंत्र अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहे। जांच के दौरान जारी एडवाइजरी का पालन नहीं करने पर अग्निशमन एवं आपातकालीन नियमावली 2021 के तहत कार्यवाही किया जावेगा।
जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी नागेन्द्र कुमार सिंह के मुताबिक पटाखा दुकान किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा, बांस रस्सी, टेंट इत्यादि का न होकर, अज्वलनशील सामग्री से बने टिन शेड द्वारा निर्मित होना चाहिए। पटाखा दुकान एक दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी पर एवं एक दूसरे के सामने न बनाई जाए। पटाखा दुकानों में प्रकाश व्यवस्था हेतु किसी भी प्रकार के तेल का लैंप, गैस लैम्प एवं खुली बिजली बत्ती का प्रयोग प्रतिबंधित होना चाहिए। किसी भी पटाखा दुकान से 50 मीटर के अंदर आतिशबाजी प्रदर्शन प्रतिबंधित होनी चाहिए।
विद्युत तारों में ज्वाइंट खुला नहीं होना चाहिए एवं प्रत्येक मास्टर स्विच में फ्यूज या सर्किट ब्रेकर लगा होना चाहिए, जिससे शार्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वत: बंद हो जाए। दुकानें ट्रांसफार्मर के पास न हो और उनके ऊपर से हाई टेंशन पावर लाइन न गुजरती हो। प्रत्येक पटाखा दुकान में 6 फीट की मारक क्षमता वाली 5 किलो का डीसीपी अग्नि शामक यन्त्र होना चाहिए। दुकानों के सामने कुछ अंतराल में 200 लीटर क्षमता के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ होनी चाहिए। पटाखा दुकानों के सामने बाइक या कार की पार्किंग प्रतिबंधित होना चाहिए। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर, दुकान परिसर के कुछ स्थानों में लगाया जाए। अग्निशमन वाहन के मूवमेंट के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए।
एडवाइजरी में कहा गया है कि लायसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखे खरीदें, यह सुनिश्चित करें कि आप गुणवत्ता वाले पटाखे खरीद रहे हैं जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए अनुमोदित हों। इमारतों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर पार्क, बड़े मैदान जैसे खुले स्थानों में पटाखे जलाएं। पटाखे जलाते समय संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए पानी की बाल्टी निकट रखें। आग से संबंधित चोटों के जोखिम को कम करने के लिए सूती वस्त्र पहनने को प्राथमिकता दें, क्योंकि सिंथेटिक कपड़े आसानी से आग पकड़ सकते है।
घर के अन्दर, खिड़कियों के पास या अन्य बंद स्थानों पर कभी पटाखे ना जलाएं। पटाखे जलाते समय ढीले या लटकने वाले वस्त्र पहनने से बचें क्योंकि वे आसानी से आग पकड़ सकते है। ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का उपयोग न करें, पटाखों को सूखी पत्तियों, गैस सिलेण्डर या वाहनों जैसी वस्तुओं से दूर रखें। यदि कोई पटाखा जलने में विफल रहता है तो उसे पुन: जलाने का प्रयास ना करें, अपितु कुछ देर प्रतीक्षा करने के उपरांत उसका सुरक्षित रूप से निपटान करें। किसी भी तरह की चोट लगने या जलने पर तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें तथा उचित मार्गदर्शन के बिना घरेलू उपचार ना करें।


