दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 18 सितंबर। भारती विश्वविद्यालय ने साइबर अपराध और युवा सशक्तिकरण विषय पर रैगिंग विरोधी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में यह स्पष्ट किया गया कि यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार रैगिंग एक दंडनीय अपराध है और इसका छात्रों के मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
सारगर्भित उद्बोधन ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया और संस्थान की रैगिंग के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति को सुदृढ़ किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग के शहर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश मिश्रा उपस्थित रहे। उन्होंने साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा से जुड़ी प्रभावशाली जानकारियां साझा कीं। साथ ही छात्रों को डिजिटल युग में स्वयं की सुरक्षा हेतु बहुमूल्य मार्गदर्शन दिया और उन्हें लगन एवं जागरूकता के साथ सकारात्मक करियर पथ अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रेरक एवं प्रासंगिक उद्बोधन की व्यापक सराहना हुई।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ का नक्सलवाद विषय पर छत्तीसगढ़ी भाषा में एक जीवंत वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें विद्यार्थियों ने गहन शोध और उत्कृष्ट वाकपटुता का प्रदर्शन करते हुए भाग लिया। कला एवं मानविकी संकाय के डॉ. अजय सिंह और डॉ. निशा गोस्वामी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता की निर्णायक विधि विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. आस्था चतुर्वेदी थीं। अनुशासन व्यवस्था सुश्री विद्या चौहान ने संभाली। विजेताओं में चैतन्य सिंह, मधु और आदित्य साहू प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। कार्यक्रम का आयोजन भारती विश्वविद्यालय प्रबंधन के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ, जिसमें कुलसचिव डॉ. वीरेंद्र कुमार स्वर्णकार, डायरेक्टर डॉ. घनश्याम साहू तथा डीन अकादमिक डॉ. आलोक भट्ट की सक्रिय भूमिका रही।


