दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 5 नवंबर। 17वां आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 2 एवं 3 नवम्बर को जिला कांकेर तथा नारायणपुर, छत्तीसगढ़ के अति दुर्गम एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से चयनित 50 आदिवासी युवक एवं युवतियों का पाँचवा और छठा जत्था क्रमश: जगदलपुर रेलवे स्टेशन से भुवनेश्वर (ओडिशा) तथा दुर्ग रेलवे स्टेशन से कोझिकोड (केरला) के लिए रवाना किया गया। दोनों जत्थों में कुल 50 प्रतिभागी (25 पुरूष एवं 25 महिलाएं) सम्मिलित हैं। यह प्रतिभागी भुवनेश्वर एवं कोझिकोड में भारत के विभिन्न राज्यों से आए अन्य आदिवासी युवाओं के साथ मिलकर अन्य राज्यों की संस्कृति से रूबरू होंगे।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत आदिवासी युवक एवं युवतियों को अन्य राज्यों से भाग लेने वाले युवक-युवतियों के बीच मेल-मिलाप का अवसर मिलेगा, जिससे वे एक-दूसरे के खान-पान, रहन-सहन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ एवं वेषभूषा से रूबरू होंगे। इस कार्यक्रम में अन्य राज्यों के स्थानीय लोक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी जायेगी। साथ ही भुवनेश्वर (ओडिशा) तथा कोझिकोड (केरला) के प्रसिद्ध, दर्शनीय एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
यह 17वाँ आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम युवा मामले और खेल मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। प्रत्येक आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की अवधि 07 दिन है। छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर जिले में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के नक्सल प्रभावित इलाके से इस वर्ष कुल 25 भ्रमण कार्यक्रमों के अतंर्गत 18 से 22 वर्ष आयु वर्ग के 650 चयनित युवा भाग ले रहे है।
इस आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियों में उच्च अधिकारियों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ संवाद सत्र, पैनल चर्चा, व्याख्यान सत्र, भाषण प्रतियोगिता, कैरियर संबंधी मार्गदर्शन, आदि के बारे में जानना शामिल है। इसके अलावा प्रतिभागी भुवनेश्वर (ओडिशा) एवं कोझिकोड (केरला) के उद्योगों एवं सुरक्षा बलों के शिविरों का भी भ्रमण करेंगे।


