दुर्ग

जपं सीईओ के खिलाफ अनियमितता का आरोप, शिकायत
16-Sep-2025 10:34 PM
जपं सीईओ के खिलाफ अनियमितता का आरोप, शिकायत

संभागायुक्त-कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 सितंबर।
उपाध्यक्ष जनपद पंचायत दुर्ग राकेश हिरवानी ने दुर्ग जनपद सीईओ के खिलाफ शिकायत की है। उन्होंने जनपद सीईओ के खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्याचरण एवं प्रशासकीय कार्यवाही में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। मामले में उनके द्वारा संभागायुक्त, कलेक्टर व  एसपी को ज्ञापन सौंपा गया है।

सौंपे गए ज्ञापन उन्होंने बताया है कि जनपद पंचायत दुर्ग में विपक्ष के जनपद सदस्यों को भ्रमित कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दुर्ग द्वारा उन्हें जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के पद से षडय़ंत्र पूर्वक हटाने के लिए द्वेषपूर्ण ढंग से बार-बार मौखिक व लिखित रुप से मानसिक तौर पर प्रताडि़त कर दबाव बनाया जा रहा है और धमकाया जा रहा है। उनका कहना है 30 जुलाई को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में उन्हें अध्यक्ष के स्थान पर हस्ताक्षर करने का पूर्व सुनियोजित आरोप लगाकर धारा 40 के तहत पद से हटाने की धमकी लिखित रूप से जनपद पंचायत दुर्ग सीईओ द्वारा दिया गया, जबकि 30 जुलाई को आयोजित बैठक में उनके द्वारा हस्ताक्षर किए जाने पर बैठक कार्यवाही के दौरान किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज नहीं की गई, लेकिन ठीक एक माह बाद उन्हें पत्र देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
विधिक दृष्टिकोण से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा आरोपित गैर तर्कसंगत आरोपों के तहत किसी भी स्थिति में पंचायत अधिनियम की धारा 40 का कार्यवाही किए जाने का प्रावधान नहीं है। वहीं जिस कार्यवाही विवरण पंजी में मेरे द्वारा हस्ताक्षर किए गया, इसमें कहीं भी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति या सदस्यों के हस्ताक्षर के लिए नियत स्थान नहीं है और न ही जनपद सीईओ ने कार्यवाही विवरण में किस स्थान पर कौन हस्ताक्षर करेंगे, इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं दिया गया है।
इसी प्रकार उनके द्वारा जनपद पंचायत विकास निधि सन 2024 व 2025 की जो उनके पूर्व कार्यकाल की जानकारी मुख्य कार्यपान अधिकारी जनपद पंचायत दुर्ग को लिखित में मांगी गई थी, जिसके जवाब में सीईओ द्वारा वांछित जानकारी सूचना के अधिकार आवेदन किए जाने देने की बात कही गई।

श्री हिरवानी का कहना है इसी तरह पंचायती राज अधिनियम व उसकी व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए सीईओ द्वारा सभापति चुनाव में गैर लोकतांत्रिक प्रशासकीय कार्याचरण कर बिना किसी विधिक प्राधिकार के निर्णय लेते हुए दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से स्थाई समिति में तीन सदस्यों वाली समिति बना दी गई है। जबकि छत्तीसगढ़ के किसी भी जनपद पंचायत में 3 सदस्यों की समिति नहीं है।
समिति के सदस्य गठित करने के लिए जनपद के प्रथम सम्मेलन में समिति के सदस्यों की संख्या का संकल्प पारित कर इसकी प्रति कलेक्टर को प्रेषित किया जाना था और उनके अनुमोदन के पश्चात ही चुनाव संपन्न कराया जाना था लेकिन सीईओ द्वारा सभी अधिनियमों के विधि निर्देश की अवमानना करते हुए चुनाव प्रकिया के समय ही संकल्प पारित करा दिया गया। जबकि प्रथम सम्मेलन में किसी प्रकार का प्रस्ताव अंकित नहीं है। वहीं उन्होंने 15वें वित्त की राशि वितरण को लेकर धरना के दौरान सीईओ के बयान को लेकर भी आपत्ति की है। उन्होंने स्थाई समिति का चुनाव निश्चित समय सीमा में नहीं होने पर कलेक्टर के समक्ष लिखित पत्र देकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जिसका परिपालन करते हुए कलेक्टर ने चुनाव संपन्न करने हेतु दिशा निर्देश दिया। इस दिशा निर्देश की प्रति उनके द्वारा सीईओ से मांगने पर अव्यवहारिक ढंग से सूचना के अधिकार या कलेक्टर से मांगने के लिए मौखिक रूप से कहा ।

श्री हिरवानी का कहना है कि 10 सितंबर को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में सीईओ द्वारा पंचायती राज अधिनियम के विधिक अपेक्षाओं के विरुद्ध पूर्व गठित स्थाई समिति महिला एवं बाल विकास विभाग को किसी भी समिति में सम्मिलित करने का प्रस्ताव अध्यक्ष व जनपद सदस्यों के बीच रखा गया जो पंचायतीराज अधिनियम की विधि अपेक्षाओं का उल्लंघन है। पंचायती राज अधिनियम के आधार पर उक्त समिति के उसी को मूल समिति में सामायोजित किया जाना है।
जबकि महिला बाल विकास समिति मूल समिति शिक्षा समिति से विलोपित कर बनाई गई थी जिसे पुन: शिक्षा समिति में जोड़ा जाना था।
श्री हिरवानी ने उक्त शिकायत पर संज्ञान लेकर कार्यवाही करने मांग की पांच दिवस के भीतर मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर सभी जनपद सदस्यों के साथ उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने के दौरान दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर, पूर्व विधायक अरुण वोरा, राजेन्द्र साहू, आरएन वर्मा, धीरज बाकलीवाल देवेन्द्र देशमुख आदि मौजूद थे।
 


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