दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 16 सितंबर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के परिप्रेक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम की श्रंखला के अंतिम चरण में भारती विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा कैरियर पाथ- आत्मविश्वास के साथ जेडी एवं पीआई में सफलता विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता सिद्धार्थ मेहता, सेंटर डायरेक्टर- करियर लॉन्चर ने अपने 15 वर्षों के अनुभव के आधार पर विद्यार्थियों को समूह चर्चा (जेडी) और व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआई) की तैयारी हेतु आत्मविश्वास, सही रणनीति और संचार कौशल पर मार्गदर्शन प्रदान किया। उक्त अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकर तथा परामर्श समिति में डॉ. आर.पी. अग्रवाल (अनुसंधानण निदेशक) एवं डॉ. आलोक भट्ट (डीन अकादमिक), डॉ. काजोल दत्ता (डीन कॉमर्स) की भी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट श्रुति राव ने किया। प्रियंका साहू, आदित्य शाह, सुश्री मेघा, सुश्री प्रिया साहू सह-आयोजक की भूमिका में रहे।
रजत जयंती समारोह के अंतर्गत एन.सी.सी. और एन.एस.एस. इकाइयों ने 8 से 12 सितम्बर तक पांच दिवसीय संयुक्त कार्यक्रम भी आयोजित किए। इसकी शुरुआत 8 सितम्बर को उद्घाटन रैली से हुई। उक्त आयोजन में जयंत बारीक और सुश्री श्वेता कुमारी की विशेष भूमिका रही। 9 सितम्बर को पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सेवा जैसे विषयों पर अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित की। इसमें एन.सी.सी. कैडेट पूर्वा साहू एवं साक्षी साहू ने क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार जीते। 10 सितम्बर को आयोजित भाषण प्रतियोगिता में आयोजित हुई, एन.एस.एस. संवर्ग में हर्ष कुमार साहू, कोनाल सेन तथा रागिनी साहू ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किए, वहीं एन.सी.सी. संवर्ग में भारती एवं दिव्या साहू ने क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय स्थान हासिल किया। 11 सितम्बर को एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण अभियान आयोजित हुआ, जिसके अंतर्गत परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में वृक्ष लगाए गए। अंत में, 12 सितम्बर को सांस्कृतिक संध्या एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ की पारंपरिक नृत्य शैलियों का शानदार प्रदर्शन हुआ। एन.एस.एस एवं एन.सी.सी. के कार्यक्रम का संचालन डॉ भूमिका मिश्रा, सुश्री सम्पदा बैस एवं रॉलिक बेंजामिन दास ने किया।


