दुर्ग

दुर्ग, 29 अगस्त। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उच्चतम न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के संयुक्त निर्देशन में 1 जुलाई से 7 अक्टूबर तक कुल 90 दिवस तक चलने वाले कार्यक्रम मीडियेशन फॉर द नेशन के संबंध में न्यायालयीन प्रणाली में लंबित वादों के शीघ्र और सौहार्दपूर्ण निपटारे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा मध्यस्थता की एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है।
न्यायालयों में अवकाश के दिन आमतौर पर शांति रहती है, लेकिन अवकाश के दिन भी न्याय तक त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए जिला न्यायालय दुर्ग के मध्यस्थता केन्द्र में स्थानीय अवकाश 28 अगस्त को भी न्याय की गूंज सुनाई दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यस्थता केन्द्र प्रभारी एवं मध्यस्थतों ने व्यक्तिगत सुविधाओं का त्याग करते हुए न्याय दान के प्रति उनके कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हुए अवकाश के बावजूद तीन प्रकरणों की मध्यस्थता सुनवाई आयोजित की गई और उभयपक्ष के मध्य आपसी समझौता हो गया। यह उल्लेखनीय है कि अवकाश के दिन भी न्यायालय परिसर स्थित मध्यस्थता केन्द्र दुर्ग में यह कार्यवाही सम्पन्न की गई, जो न्यायिक सेवा के प्रति समर्पण एवं मध्यस्थता की महत्ता को दर्शाती है। इस प्रक्रिया में पक्षकारों ने विवाद को सुलझाने हेतु आपसी समझ और सहयोग की भावना प्रदर्शित की।
परिणामस्वरूप लम्बे समय से लंबित विवाद का शीघ्र निराकरण संभव हो सका। मध्यस्थता केन्द्र दुर्ग की इस अनोखी पहल ने न केवल विवाद सुलझाया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि आपसी सहयोग और संवाद से अवकाश के दिनों में भी प्रत्येक समस्या का समाधान संभव है।