दुर्ग

11 सूत्रीय मांगों को लेकर कलम बंद हड़ताल, पसरा सन्नाटा
23-Aug-2025 4:31 PM
11 सूत्रीय मांगों को लेकर कलम बंद हड़ताल, पसरा सन्नाटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 23 अगस्त ।
लंबित एरियर्स, महंगाई भत्ता सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर काम बंद कलम बंद कर विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। उक्त हड़ताल के चलते विभिन्न शासकीय कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा कार्यालय खुली थी मगर कुर्सी टेबल खाली थे। विभन्न कार्यालय के कई कक्ष दिन भर बंद रहे हड़ताली कर्मचारियों ने मोदी की गारंटी के तहत मांग पूरी नहीं होने पर रोष जताया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को मोदी की गारंटी के तहत विभिन्न मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा आंदोलन के माध्यम से लगातार शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है। मगर निराकरण हेतु त्वरित कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी काफी आक्रोशित हैं।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध 120 मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त संगठनों के द्वारा उपरोक्त मांगों को लेकर कलम बंद-काम बंद आंदोलन के तहत सामूहिक अवकाश लेकर जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। सरकार द्वारा अनिर्णय की स्थिति में फेडरेशन अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

हड़ताल में बैठे कर्मचारियों को  राजेश चटर्जी,  विजय लहरे,  अनुरूप साहू, हरी शर्मा, व्ही एस राव, संजय शर्मा,  भानु प्रताप यादव, प्रदीप चौहान, महेंद्र साहू, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, हेमसिंह ठाकुर, दीपक देवांगन, मोतीराम खिलाडी,  प्रमोद यादव, हर्षवर्धन श्रीवास्तव, धर्मेंद देशमुख, जी.एस. रावना, शिवदयाल धृतलहरे, टिकेंन्द्र वर्मा ने संबोधित किया।

उन्होंने मांग किया कि मोदी की गारंटी अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र सरकार के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत  दिया जाए। साथ ही वर्ष 2019 से लंबित डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित की जाए। प्रदेश के लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
प्रदेश में चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान क्रमश: 8, 18, 24, 32 वर्ष में दिया जाए। सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान दिया मिले तथा नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।

प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति प्रदेश में कैशलेस सुविधा लागू हो। अनुकंपा नियुक्ति नि:शर्त लागू करने स्थायी आदेश जारी  किया जाये। वर्तमान में 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त करते हुए सीधी भर्ती के समस्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति हो।
मध्यप्रदेश की भांति प्रदेश में अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए समस्त सेवा लाभ दिया जाए। साथ ही प्रदश के पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए। प्रदेश के विभिन्न विभागों में सेटअप पुनरीक्षित नहीं होने के कारण अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे। वहीं प्रदेश में कार्यरत कार्यभारित, दैनिक वेतन भोगी, अनियमित, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण करते हुए नियमित पदस्थापना में नियुक्त हो।


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