दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 23 जुलाई। ओबीसी महासभा प्रदेश व जिला इकाई दुर्ग द्वारा विगत 32 वर्षों से छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग के लंबित 27 फीसदी आरक्षण को पारित कराने के संदर्भ में एक सूत्रीय मांग को लेकर संयुक्त कलेक्टर एस. थॉमस को ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें प्रमुख रूप से ओबीसी खिलेश्वरी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा ओबीसी महासभा (छ.ग.), प्रदेश महासचिव युगल किशोर, दुर्ग जिला उपाध्यक्ष योगेश्वर मानिकपुरी, सक्रिय सदस्य एड. मुक्तानंद, राजेश विश्वकर्मा, कांति मौर्य जिलाध्यक्ष म.मो.राजनांदगांव, चंद्रभान ठाकुर,अनु जांगड़े, ममता वर्मा, कनकलता, इंदिरा वर्मा आदि उपस्थित थे। ज्ञात हो कि देश के संघीय व्यवस्था के अनुसार सामाजिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़ें हुए समुदाय को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग तीन वर्गों में विभाजित किया गया है सामाजिक- शैक्षणिक रूप से पिछड़े इन वर्गों के समुचित विकास एवम् उत्थान के लिए व्यवस्था किया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा अ.जा. को 15 फीसदी , अ.ज.जा. को 7.50 फीसदी एवम् राज्य सरकार द्वारा अ.जा. को 12 फीसदी , अ.ज.जा. को 32 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। जबकि ओबीसी वर्ग को केन्द्र सरकार द्वारा में 27 फीसदी आरक्षण दिया गया साथ ही राज्य में स्थिति के आधार पर राज्य शासन द्वारा अविभाजित मध्यप्रदेश में 14 फीसदी आरक्षण शिक्षा व रोजगार में दिया गया है जो की आज पर्यंत छत्तीसगढ़ राज्य में लागू है। बहुसंख्यक समुदाय ओबीसी वर्ग को आबादी के अनुरूप आरक्षण नहीं मिलने से प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के विकास व उत्थान में अपरिमित नुकसान हो रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 2 दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया गया जिसमें अजा को 13 फीसदी अजजा को 32 फीसदी , ओबीसी को 27 फीसदी तथा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 4 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।