दुर्ग

जाति जनगणना पर गोष्ठी
23-May-2025 10:26 PM
जाति जनगणना पर गोष्ठी

दुर्ग, 23 मई। भारत सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित मांग राष्ट्रीय जनगणना जातीय आधारित कराए जाने के फैसले से ओबीसी समाज को सामाजिक न्याय मिलने की राह प्रशस्त प्रतीत हो रही है। जातिगत जनगणना एक ज्वलंत मुद्दा है, जिसे गंभीरता से लिया जाना सरकार एवं विपक्ष द्वारा एक सराहनीय कदम है।

ज्ञात हो की सन् 1931 में अन्य पिछड़ा वर्ग की गणना की गई थी उसके बाद से ओबीसी जनगणना नहीं हो पाई। संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में ओबीसी के लिए आयोगों (काका कालेकर,मंडल आयोग,रामजी महाजन आयोग) द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के हित व संवर्धन हेतु जनगणना कराये जाने बाबत अनुशंसा की गई थी। इसी परिपेक्ष में संसद में बनी सहमति के आधार पर राष्ट्रीय जनगणना 2021 में पृथक से ओबीसी के आंकड़ें एकत्रित करने के प्रयास किए गए,किंतु अधिकृत रूप से आंकड़े प्रकाशित नहीं किए जा सके।
ओबीसी महासभा के सरकार को निरंतर ज्ञापन एवम् समाज की जागरूकता से भारत सरकार ने जनगणना का निर्णय लिया है जो की भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के बहु संख्यक आबादी ओबीसी समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। जनगणना को लेकर आने वाली रुकावटें, चुनौतियां और उनका समाधान इन्ही बिंदुओं पर गोष्ठी का आयोजन भिलाई सेक्टर 10 में किया गया।
 

 इसमें प्रमुख रूप से ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव युगल किशोर, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष म.मो. ओबीसी खिलेश्वरी, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश गौरव, दुर्ग जिला संरक्षक समाजसेवी राजेंद्र परगनिहा, ब्लॉक अध्यक्ष जामुल अशोक वर्मा, राजेश विश्वकर्मा, मातृशक्ति चंद्रकला तारम, एड.दीपशिखा, ममता जायसवाल, अश्लेश मरावी, उमा सिंह,संदीप पटेल ,लखन सांगडे आदि वक्ताओं ने बारी - बारी अपनी बातें मंच पर रखी। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार प्रदर्शन अधिवक्ता मुक्तानंद साहू द्वारा किया गया।
 


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