दुर्ग

दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस की अगुवाई में प्रदर्शन, आश्वासन पर माने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 मई। मनरेगा कार्य में उपयोग होने वाले झंउहा, रापा व गैंती लेकर सैकड़ों की संख्या में मजदूर रोजगार मांगने कलेक्ट्रेट पहुंचे। मनरेगा मजदूरों के रोजगार के लिए दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश के नेतृत्व में शुक्रवार को अनूठा जंगी प्रदर्शन किया गया। वहीं जिले के इतिहास में अनेक बार विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया है, मगर पहली बार टिन से रास्ता रोक चार लेअर की तगड़ी बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोकने जिला व पुलिस प्रशासन भी पहले से मुस्तैद रही।
जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष श्री ठाकुर के अगुवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीण झउआ, धमेला, रापा मजदूरी सामग्री लेकर मनरेगा चालू कर रोजगार देने की मांग को लेकर राजीव भवन से पैदल रैली के रूप में कलेक्ट्रेट के लिए कूच किया। इस दौरान भाजपा कार्यालय के सामने भी जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारी पटेल चौक में लगे बैरिकेड तोडक़र कलेक्ट्रेट की तरफ बढ़े मगर कलेक्ट्रेट के पहले मजबूत बैरिकेडिंग कर उन्हें आगे बढऩे पर उन्हें रोक दिया गया।
श्री ठाकुर बैरिकेडिंग के सामने सडक़ पर लेट कर मुद्दे पर जिले के आला अधिकारी से बात को लेकर अड़ गए। उनके साथ कांग्रेस कार्यकर्ता व मजदूर भी सडक़ पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते प्रदर्शन किया। इस तरह उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ 2 घंटे धरना देने के बाद जिला पंचायत सीईओ से फोन पर उनकी एसडीएम ने बात कराई, जिनसे मुद्दे पर सोमवार को चर्चा का आश्वासन मिलने पर प्रदर्शन समाप्त किया।
जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की विष्णुदेव सरकार षड्यंत्र के तहत कांग्रेस के द्वारा शुरू की गई महत्वपूर्ण योजना महात्मा गांधी रोजगार गारंटी को बंद करना चाह रही है। पूर्व में 9 मई को ज्ञापन देने के बाद भी ग्रामीण मजदूरों के हित की कार्य नहीं करना बताता है कि इस डबल तिबल इंजन सरकार का मजदूरों व किसानों से कोई सरोकार नहीं है। दुर्ग जिले में पूर्व में कांग्रेस सरकार के दौरान मनरेगा के तहत 42 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य था, इसे पिछले साल घटाकर 32 लाख मानव दिवस कर दिया गया था। अब वित्तीय वर्ष 2025-26 इसे और घटाकर 18 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य दिया गया है जबकि जिले में सक्रिय मनरेगा मजदूरों की संख्या ही डेढ़ लाख है।
इसी प्रकार वर्तमान में मनरेगा के तहत जिले के मात्र 10 हजार मनरेगा मजदूरों को मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों में काम मिल रहा है जबकि अन्य वर्षों में इस समय 40 से 50 हजार मजदूर जिले में मनरेगा के तहत कार्यरत होते थे। मनरेगा के तहत काम नहीं मिलने से अनेक ग्रामीण मजदूरों को काम की तलाश में भटकना पड़ रहा है। इसलिए उन्होंने मांग की जिले में मनरेगा के तहत जल्द ज्यादा से ज्यादा रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ कर ग्रामीण मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराई जाए चूँकि बरसात आने पर मनरेगा में मिट्टी के कार्य बंद कर दिए जाते हैं और मिट्टी के कार्य में ज्यादा मजदूरों को रोजगार मिलता है।
इस प्रदर्शन में पूर्व विधायक अरुण वोरा, आर.एन. वर्मा, गया पटेल, प्रदेश महामंत्री, राजेंद्र साहू, प्रदेश सचिव अय्यूब खान, धीरज बाकलीवाल, राजेश यादव, संजय कोहले, अलताफ अहमद, नासिर खोखर, राजकुमार पाली, अजय मिश्रा, आनंद ताम्रकार, अनूप वर्मा, सुशील भारद्वाज, मुकेश साहू, सौरभ ताम्रकार, प्रेमलता साहू, संजय कोहले, रत्ना नरमदेव, आयुष शर्मा, नंदकुमार सेन, निकिता मिलिंद, सुजीत बघेल, विशाल देशमुख, चिराग शर्मा, डिकेन्द्र हिरवानी, प्रहलाद वर्मा, अरुण वर्मा, प्रदीप चंद्राकर, बृजमोहन तिवारी, सुरेश जघेल, अशोक मेहरा, निर्मला साहू, सरोजिनी चंद्राकर, रामप्यारी वर्मा, हेमंत चतुर्वेदी, माहेश्वरी ठाकुर, दुर्गा गजभिए, राम सिन्हा सहित सैकड़ों की संख्या में मनरेगा मजदूर व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।