दुर्ग

चारों दादा गुरुदेव का महापूजन
14-Oct-2024 3:06 PM
चारों दादा गुरुदेव का महापूजन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 14 अक्टूबर। दादा गुरुदेव जिनदत्तसूरि, मणिधारी दादा गुरुदेव जिनचंद्रसूरि, दादा जिनकुशलसुरि, दादा जिनचंद्रसूरि महाराज का विधि विधान से पूजा हर्ष और उल्लास के वातावरण में महेश कॉलोनी स्थित सभागृह में साध्वी दर्शन प्रभा, ज्ञान प्रभा एवं चरित्र प्रभा के सानिध्य में हुई। आदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट एवं रत्नत्रयी चातुर्मास समिति दुर्ग के बैनर तले यह आध्यात्मिक आयोजन गरिमामयी वातावरण में हुआ।

इस आयोजन में भाग लेने देश के विभिन्न शहरों से गुरु भक्त परिवार दुर्ग पहुंचे थे। इंदौर से आए विधि कारक अरविंद भाई ने विधि विधान से दादा गुरुदेव महापूजन का पूजा-अर्चना कराई। देश के ख्यातिनाम भजन गायक लवेश हिमांशु बुरड़ की शानदार जोड़ी ने भक्ति गीतों का शानदार समा बांधा। यह आयोजन लगभग 5.30 घंटे तक चला, जिसमें 504 जोड़ों ने दादा गुरुदेव के इस पूजन में हिस्सा लिया। यह जोड़ी पति-पत्नी के रूप में भाई-बहन के रूप में बहन-बहन के रूप में भाई-भाई के रुप में इस आयोजन में हिस्सा बने।

एक साथ 500 से अधिक जोड़े महिला वर्ग घाघरा ओढऩा में तो पुरुष वर्ग पूजा का पारंपरिक परिधान धोती चोल दुपट्टा में इस आयोजन के आकर्षण का केंद्र थे। सभी 500 से अधिक जोड़ों के पास दादा गुरुदेव की प्रतिमा तथा यज्ञ अनुष्ठान के लिए सामग्री साथ में वितरित की गई थी। साथ ही जप अनुष्ठान के साथ-साथ दादा आदिनाथ एवं गौतम स्वामी की अभिमंत्रित प्रतिमा का बोली लगाकर गुरु भक्त परिवार उसे प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करेंगे। इस बोली का लाभ रमेश अंकुश वर्धमान टाटिया तथा गौतम स्वामी की प्रतिमा को घर ले जाने का ज्ञानचंद पदम कुमार कोठारी को यह लाभ मिला।

इसी तरह चांदी के अभिमंत्रित कलश का लाभ भी गुरु भक्त परिवार से दिलीप बोहरा परिवार ने लिया ने लिया। कार्यक्रम में चातुर्मास समिति के पदम बरडिय़ा, अमृत लोढ़ा, कांतिलाल बोथरा, धर्मचंद लूनिया, ज्ञानचंद कोठारी, विनोद गोलछा, मनीष बोथरा, सुरेश कोठारी, रितेश बुरड़, टीकम चौरडिय़ा, गिरीश गोलछा, अशोक दुग्गड़, दिलीप गोगड़, हुकम श्रीश्रीमाल, राजेश मालू, संतोष दुग्गड़, किशोर कोचर, संदीप निमानी, महावीर लोढ़ा, प्रवीण बोथरा के अलावा मूर्ति पूजक संघ दुर्ग जिन कुशल दादाबाड़ी ट्रस्ट मालवीय नगर ऋषभदेव जैन सितंबर मंदिर एवं दादाबाड़ी ट्रस्ट ऋषभ नगर के सभी सदस्य प्रमुख सहयोग प्रदाता थे।


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