दुर्ग

औद्योगिक प्रदूषण से ग्रामीण परेशान, शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं
19-Jul-2024 2:48 PM
औद्योगिक प्रदूषण से ग्रामीण परेशान, शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 19 जुलाई।  औद्योगिक प्रदूषण को लेकर ग्राम रसमड़ा के ग्रामीण फिर बिफर पड़े। दो सप्ताह पहले पूर्व सरपंच के नेतृत्व में ग्रामीणों जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था, मगर शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर आज सरपंच, जनपद सदस्य ग्रामीण उद्योग के सामने धरने पर बैठ गए तब कहीं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

जानकारी के मुताबिक सुबह 8 बजे सरपंच ममता साहू, जनपद सदस्य अजय वैष्णव एवं ग्रामीण क्षेत्र में प्रदूषण बंद करने की मांग को लेकर ग्राम में संचालित सुविधि इस्पात के गेट के सामने बैठ गए। इससे वहां जनरल शिफ्ट के कर्मचारी उद्योग के अंदर नहीं जा पाए। इसकी सूचना मिलने पर एसडीएम दुर्ग एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी दोपहर साढ़े बारह बजे मौके पर पहुंचे।  वहीं दोपहर 1 बजे क्षेत्रीय विधायक ललित चंद्राकर भी मौके पर पहुंच गए जिन्होंने उद्योग प्रबंधन एवं ग्रामिणों से चर्चा की। जनपद सदस्य अजय वैष्णव एवं सरपंच प्रतिनिधि भागवत साहू ने बताया कि लगभग एक माह से सुविधि इस्पात का प्रदूषण बस्ती तक पहुंच रहा है। साहू ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा उद्योग प्रबंधन को पत्र लिखा था। वहीं बस्ती वालों ने भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था, मगर प्रदूषण फिर भी कम नहीं होने से ग्रामीण त्रस्त है। इसी वजह से वे उक्तउद्योग के गेट के सामने बैठ गए। प्रबंधन ने विधायक , अधिकारियों एवं ग्रामीणों से 15 दिन का समय मांगा। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा उक्त अवधि में प्रदूषण रोकने उपाय नहीं किए जाने पर उक्त उद्योग के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया तब आंदोलन समाप्त किया गया।

पूर्व सरपंच खिलावन यादव के नेतृत्व में 5 जुलाई को कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में औद्यौगिक क्षेत्र में संचालित सुविधि इस्पात प्रा लि. एवं एक अन्य उद्योग द्वारा प्रदूषण रहित मशीनों का उपयोग न कर लगातार चौबीसो घंटे बिना किसी नियंत्रण के डस्ट उत्सर्जित किया जा रहा है, इससे पूरे क्षेत्र एवं गांव के आसपास अंधेरा छा जाता है। दोनों उद्योग ग्राम के निस्तारी तालाब नवातरिया (बांथ) धुमा तालाब, बावली, इंदिरा आवास तालाब सहित गाँव की घनी आबादी से बिलकुल लगा हुआ ह।

 जिसके कारण यहां से निकलने वाले प्रदूषण से आम लोग त्रस्त है।

वहीं यहां से निकलने वाले प्रदूषित पानी भी गांवों से होकर तालाबों एवं शिवनाथ नदी में समाहित हो जा रहा है, जिससे फसलों एवं नदी तालाबो के पानी भी दूषित हो रहा है। श्री यादव एवं ग्रामीणों ने इन उद्योग प्रबंधन द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण एवं यहाँ से निकलने वाले प्रदूषित पानी पर अंकुश लगाकर इनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने मांग की थी।


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