दन्तेवाड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 7 अगस्त। जिला प्रशासन के निर्देशन में विभागीय जांच दल द्वारा विभिन्न होटलों, मिठाई की दुकानों, किराना दुकानों, नमकीन निर्माता व्यापारियों के खाद्य परिसर का निरीक्षण किया गया। विभिन्न खाद्य पदार्थों का नमूना जांच हेतु लिया गया।
‘बने खाबों-बने रहिबों’ विशेष जांच अभियान के तहत विगत दिवस जिले के गीदम, दंतेवाड़ा, बचेली, किरंदुल, बारसूर, नकुलनार आदि क्षेत्रों के खाद्य परिसरों का निरीक्षण किया गया एवं चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा खाद्य प्रतिष्ठानों से खाद्य सैंपल जैसे मिठाइयां, पनीर दूध, दही, नमकीन, आटा, बेसन, मैदा, सूजी, मैदा आदि का नमूना जांच हेतु लिया गया। निरीक्षण के दौरान दंतेवाड़ा जिले के विभिन्न स्थानों निरीक्षण एवं सैंपलिंग के दौरान चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के द्वारा कुल 65 सैंपल विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों से लिया, निरीक्षण एवं सैंपलिंग के दौरान जो भी खाद्य पदार्थ उपयोग के अनुकूल नहीं पाया गया एवं अमानक पाया गया, उन्हें तुरंत नष्ट करवाया गया। इस मौके पर 05 खाद्य प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया गया।
इस क्रम में दंतेवाड़ा क्षेत्र के देवभोग स्वीट्स से बर्फी कुन्दा, कलाकंद, गुप्ता स्वीट्स से काजू कतली, बर्फी, पवन स्वीट्स एण्ड नमकीन से कलाकंद, काला जामुन, जय अम्बे बीकानेर से चुरमा लड्डू, बर्फी, बिकानेर स्वीट्स गीदम से खोया, राजस्थान स्वीट्स से बेसन लड्डू, एवं अन्य मिठाई की दुकानों से कलाकंद, नमकीन, बर्फी, रसगुल्ला, मलाई पेड़ा, काजू कतली का नमूना परीक्षण हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भी भेजा गया, जांच उपरांत प्राप्त रिपोर्ट अनुसार नमूना जांच में यदि अमानक पाया जाएगा तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी एवं प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
विभाग द्वारा उपभोक्ताओं से यह अपील की गई कि बाजार में बिकने वाले खुले व अमानक खाद्य सामग्री का उपयोग करने से बचे अधिक रंग युक्त मिठाईयों के उपयोग से बचें एवं मार्केट से कोई भी खाद्य पदार्थ खरीदने से पहले उसका लेबल जांच लें, खाद्य पदार्थ के निर्माण की तिथि एवं उपयोग की तिथि अवश्य देखकर खरीदें। इस दौरान देवभोग स्वीट्स दंतेवाड़ा में 298 कि.ग्रा. बर्फी कुन्दा को अमानक, मिथ्याछाप की शंका पर सीज कर उन्हीं के अभिरक्षा में रखा गया। गठित संयुक्त टीम द्वारा खाद्य परिसरों में सफाई व्यवस्था मानक स्तर पर नहीं पाये जाने पर 20 खाद्य परिसरों को कुल 4100 रू. का चालान किया गया एवं समोसे पकोड़े आदि तले जाने वाले खाद्य तेल मानक स्तर पर नहीं पाये जाने पर लगभग 12 लीटर से अधिक तेल नष्ट करवाया गया एवं खाद्य तेल को नियमानुसार उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया।