दन्तेवाड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 16 जून। जिला प्रशासन, भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम रायपुर के सहयोग से 23 अप्रैल से 13 जून तक जिले के 50 आदिवासी युवाओं को उद्यमिता के कौशल सोच और उपकरणों का गहन प्रशिक्षण दिया गया। इस क्रम में जिला पंचायत के सभागार में कलेक्ट कुणाल दुदावत द्वारा सोमवार को इन युवाओं से रूबरू होकर उन्हें प्रशिक्षण के उद्देश्य, उद्यमिता कौशल, व्यावसायिक समझ, नवाचार जैसे विभिन्न बिंदुओं पर परिचर्चा किया गया। उल्लेखनीय है कि इन प्रतिभागियों को जिला प्रशासन द्वारा नामित और चयनित किया गया था। इन नवोदित उद्यमियों का उनके व्यावसायिक प्रशिक्षण का पहला चरण 13 जून को सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया।
इस अवसर पर नवोदित उद्यमियों को कलेक्टर ने दी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी युवा के लिए 18 से 35 वर्ष की उम्र मेहनत करने की होती है। इस दौरान की गई कठिन मेहनत ही 35 वर्ष के उपरांत जीवन को आसान बनाती है। उन्होंने युवाओं को व्यावसायिक सफलता के सूत्र बताते हुए जोर दिया कि किसी भी उद्यम को सफल बनाने के लिए लगातार प्रयास, गुणवत्तापूर्ण सेवा,उत्पाद, और प्रभावी प्रचार-प्रसार अनिवार्य हैं।
कलेक्टर ने यह भी आश्वस्त किया कि नवोदित उद्यमियों को जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
जिससे वे आत्मनिर्भर बनकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करें। उन्होंने युवाओं को जोर देते हुए कहा कि वे केवल नौकरी ढूँढने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले उद्यमी बनें।
उद्यमियों ने भी किया साझा अनुभव
इस अवसर पर सभी नवोदित उद्यमियों ने मंच से अपने अनुभव साझा किए। कई युवाओं ने बताया कि प्रशिक्षण से न केवल उन्हें तकनीकी जानकारी मिली, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा है। दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्र में भी युवा अब पारंपरिक सोच से आगे बढक़र नवाचार और उद्यमिता की राह पर अग्रसर हो रहे हैं। यह जिला प्रशासन की उस सोच का परिणाम है, जो युवाओं को केवल कौशल देने तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें वास्तविक रूप से व्यवसाय स्थापित करने तक संपूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि इस दूरदर्शी पहल को साकार करने में कलेक्टर और सीईओ जिला पंचायत श्री जयंत नाहटा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिनके मार्गदर्शन में प्रशासन और आईआईएम के मध्य एम ओ यू क्रियान्वित किया गया।