दन्तेवाड़ा

166 शिक्षकों की नवीन पोस्टिंग
07-Jun-2025 9:42 PM
166 शिक्षकों की नवीन पोस्टिंग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 7 जून। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, दंतेवाड़ा में जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया कलेक्टर कुणाल दुदावत के मार्गदर्शन में में संपन्न हुई। इस युक्तियुक्तकरण के तहत प्राथमिक स्तर में 127 और माध्यमिक स्तर पर 39 शिक्षकों की काउंसलिंग की गई। शिक्षकों की सहमति के आधार पर उनकी स्कूलों में पदस्थापना की गई।

ज्ञात हो कि युक्तियुक्तकरण से पहले शिक्षक विहीन प्राथमिक शाला संख्या 2 कुल पद- 4 (02 शिक्षक 02 प्रधान पाठक), एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला संख्या 139 (कुल पद 149,) दर्ज संख्या के आधार पर अतिरिक्त शिक्षक आवश्यकता 43,(कुल रिक्तियां 196) दर्ज की गई थी। इस प्रकार जिले में कुल अतिशेष शिक्षक की संख्या प्राथमिक स्तर 129 शिक्षक एवं 02 प्रधान पाठक की थी। इस क्रम में युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षक विहीन प्राथमिक शाला संख्या अब नहीं है एवं एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला संख्या 12 (कुल पद- 22) दर्ज संख्या के आधार पर अतिरिक्त शिक्षक आवश्यकता वाले स्कूलों की संख्या 43, (कुल रिक्तियां 65) रही।

 इस प्रकार अब जिले में प्राथमिक शालाओं में अतिशेष की संख्या नहीं रही। आज संपन्न हुई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में 127 शिक्षक एवं प्रधान पाठकों की काउंसलिंग की गई एवं 04 अनुपस्थित शिक्षकों को लॉटरी के माध्यम से विद्यालय प्रदाय किया गया। इस प्रकार माध्यमिक स्तर पर युक्तियुक्तकरण से पहले शिक्षक विहीन माध्यमिक शाला की संख्या 0, एकल शिक्षकीय माध्यमिक शाला की संख्या 1 थी।

 इस प्रकार दर्ज संख्या के आधार पर अतिरिक्त शिक्षक वाले कुल माध्यमिक शाला 39 दर्ज किया गया था। इसके के तहत कुल रिक्तियां 42 रही।

 जिले में माध्यमिक शालाओं में कुल 40 अतिशेष शिक्षक तथा 01 प्रधान पाठक का पद दर्ज किया गया था। युक्तियुक्तकरण के पश्चात जिले के माध्यमिक शाला स्तर में अतिशेष शिक्षकों की नहीं रही।

आज हुए युक्तियुक्तकरण काउंसलिंग माध्यमिक स्तर पर 39 शिक्षक एवं प्रधान पाठकों की काउंसलिंग की गई एवं 02 अनुपस्थित शिक्षकों को लॉटरी के माध्यम से विद्यालय प्रदाय किया गया।

इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा, एसडीएम बचेली श्री कमल किशोर, एसडीएम दंतेवाड़ा श्री मूलचंद चोपड़ा, जिला शिक्षा अधिकारी एस.के.अम्बस्ट सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

युक्तियुक्तकरण से विद्यार्थियों को शालाओं में बार-बार प्रवेश से मुक्ति मिलेगी, इसके फलस्वरुप शाला त्यागी छात्रों की संख्या में कमी आयेगी। इसके अलावा एक ही परिसर के विद्यालयों में प्रशासनिक कसावट आयेगी। साथ ही  विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ेगी। छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों हेतु उपचारात्मक शिक्षा हेतु विशेषज्ञ शिक्षक मिलेंगे। भविष्य हेतु बेहतर अधोसंरचना विकसित की जा सकेगी और शिक्षा के स्तर में एकरूपता को बढ़ावा मिलेगा।


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