दन्तेवाड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 29 मई। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. ज्ञानेंद्र मणि द्वारा विगत दिवस जिले के छात्रावास परियोजनाओं सहित अन्य आजीविका मूलक गतिविधि स्थलों का निरीक्षण किया गया। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ आजीविका को प्रोत्साहित करने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और हाशिए पर रह रहे समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हंै।
भ्रमण के दौरान डॉ. मणि ने मुख्यालय में बकरी और मुर्गी पालन पर केंद्रित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का शुभारंभ किया। इस एफपीओ का उद्देश्य स्थानीय किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, बाजार तक पहुंच और संसाधनों की उपलब्धता के माध्यम से उनकी आय और उत्पादकता बढ़ाना है। इस पहल से पशुपालन में सुधार, सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आने की उम्मीद है। सीजीएम ने नाबार्ड के ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष (आरआईडीएफ) के अंतर्गत मुख्यालय में निर्माणाधीन पोस्ट-मैट्रिक गल्र्स हॉस्टल परियोजना की प्रगति की भी समीक्षा की। निर्माणाधीन यह छात्रावास छात्राओं को सुरक्षित, स्वच्छ और आधुनिक आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया जा रहा है, जिससे वे बिना किसी सामाजिक या भौगोलिक बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। डॉ. मणि ने निर्माण स्थल का निरीक्षण करते हुए इस परियोजना को गुणवत्ता एवं समय सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों से चर्चा किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नाबार्ड के तत्वाधान में जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की भी समीक्षा करते हुए नाबार्ड की भूमिका को रेखांकित करते हुए कृषि नवाचार तथा बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए समावेशी प्रगति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई।
इस अवसर पर किसानों, जिला प्रशासन और अन्य स्थानीय हितधारकों ने नाबार्ड के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान सहायक महाप्रबंधक (जिला विकास), संतोष रामटेके, रायपुर स्थित नाबार्ड छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय से सहायक प्रबंधक श्री रेवंत चौधरी प्रमुख रूप से मौजूद थे।