दन्तेवाड़ा

लंबित वेतन समझौता समेत 4 मांगे, एनएमडीसी कर्मियों की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू
27-Feb-2025 10:58 PM
लंबित वेतन समझौता समेत 4 मांगे, एनएमडीसी कर्मियों की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू

 दोनों परियोजना बचेली व किरंदुल हो रहा प्रदर्शन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बचेली/किंरदुल, 27 फरवरी। ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के तत्वावधान में दोनों मजदूर संघ एटक की संयुक्त खदान मजदूर संघ एवं इंटक की मेटल माईंस वर्कर्स यूनियन ने दोनों परियोजना बचेली व किरंदुल में अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल की शुरू कर दी है। 27 फरवरी को एनएमडीसी बचेली परियेाजना के सीआईएसएफ चेकपोस्ट में दोनों श्रमिक संगठन के सदस्य कर्मचरियो के लंबित वेतन समझौते सहित 4 मंागों को लेकर हड़ताल कर रहे हंै।

 श्रमिक संगठन ने बताया कि जनवरी 2022 से एनएमडीसी के नियमित श्रमिकों का लंबित वेतन समझौता है, जिसे अतिशीघ्र लागू करें। एनएमडीसी में लंबित भर्ती प्रक्रिया की अधिसूचना अतिशीघ्र जारी किया जाये। अप्रैल 2024 से लंबित ठेका श्रमिकों के वेतन समझौते की प्रक्रिया अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाए। प्रबंधन एवं मजदूर संगठनों के बीच लागू द्विपक्षीय समझौते का उल्लघंन बंद हो। इस दौरान जमकर नारबाजे की जा रही है।

 श्रमिक संगठन ने बताया कि एनएमडीसी कर्मचारियो का वेज रिविजन इस्पात मंत्रालय में लंबित है प्रबंधन के साथ श्रम संघ की कई दौर की वार्तालाप होने तथा आश्वासन के बाद भी स्थिति यथावत है। जिसके बाद ऑल इंडिया वर्कर्स फेडरेशन के तत्वाधान में क्रमिक भूख हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है।

इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वेतन समझौता 1 जनवरी 2022 से लंबित है। दिनांक 8.8.2024 को द्विपक्षीय समिति द्वारा समझौता करने के पश्चात निदेशक मंडल द्वारा माह सिंतबर 2024 में मंजूरी दी गई एवं पुष्टि हेतु एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा इस्पात मंत्रालय को भेजा गया। इस संदर्भ में श्रम संघो ने 15 नंवबर 2024 को हैदराबाद में इस्पात सचिव को ज्ञापन सौपा। लेकिन इसके बावजूद भी इस्पात मंत्रालय द्वारा आज तक वेतन समझौता पर पुष्टिकरण नहीं दिया गया है।

श्रमिक संघ का कहना है कि संघ के संयुक्त प्रयास से इस एनएमडीसी कंपनी ने 1967-68 में अपना सफर 4 मिलीयन टन उत्पादन करते हुए वर्ष 2023-24 में 45.10 मिलीयन टन उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित करके देश में अग्रणी स्थिति बनाए रखे हुए है। इसके साथ ही इस्पात मंत्रालय के निर्देशानुसार वर्ष 2030 तक 100 मिलीयन टन के अपने महत्वकंाक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहे है। इस वेतन समझौते में देरी के कारण एनएमडीसी कर्मचारियो में असंतोष व आक्रोश व्याप्त है, जिससे औघोगिक संबंध धूमिल होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। संगठन उपरोक्त 4 मांगों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई करें अन्यथा श्रम संघ औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 22 1 बी के तहत सीधी कार्रवाई के लिए बाध्य होगी, जिसकी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।


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