इंटक व एसकेएमएस आर-पार की लड़ाई की तैयारी में
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 29 जनवरी। एनएमडीसी लिमिटेड में श्रमिकों के वेज रिवीजन की फाइल इस्पात मंत्रालय में अटकने से खफा टे्रड यूनियनों ने आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर ली है। एनएमडीसी में ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन के संबंध सभी यूनियन केन्द्र सरकार केे इस्ताप मंत्रालय द्वारा एनएमडीसी कर्मचारियों के वेतन समझौते को लटकाए जाने के खिलाफ सीधी कार्रवाई पर जाने के लिए तैयार है। यह जानकारी बुधवार को बचेली के इंटक भवन में दोनों परियोजना बचेली व किंरदुल के दोनों श्रमिक संगठन इंटक की मेटल माईंस वर्कर्स व एटक की संयुक्त खदान मजदूर संघ के पदाधिकारियों द्वारा प्रेस कांफ्रेस में दी गई।
उन्होंने बताया कि 13 जनवरी 2025 को एनएमडीसी की सभी खदानों सहित मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में ंकार्यरत यूनियनों ने अपनी चार सूत्रीय मंागों को लेकर प्रबंधन को औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत सीधी कार्यवाही का नोटिस देते हुए अपना रूख स्पष्ट कर दिया है।
इस संबंध में राजेश संधु, सचिव, एसकेएमएस का कहना है कि संयुक्त खदान मजदूर संघ के सचिव राजेश संधु ने बताया कि चार मंागो को लेकर प्रेस कांफ्रेस किया गया है, जिसमे एक प्रमुख मुद्दा श्रमिको वेज रिविजन है, यह लंबित होने सभी श्रमिको को रोष है। वर्तमान स्थिति यह है कि 12 फरवरी तक आरएलसी द्वारा समय मांगा गया है, संतोषजनक जवाब नही मिलने पर दोनो टे्रड यूनियन सीधी कार्रवाई करेगी।
आशीष यादव, सचिव, इंटक का कहना है कि मेटल माईंस वर्कर्स यूनियन बचेली के सचिव आशीष यादव ने वर्तमान की केन्द्र सरकार को मजदूर विरोधी बताया। एक तरफ सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की बात करती है दूसरी तरफ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियो के निजीकरण पर भी अग्रसर है।
इंटक सचिव एके सिंह व एसकेएमएस अध्यक्ष जागेश्वर प्रसाद ने वर्तमान केन्द्र सरकार को मजदूरों व किसान विरोध सरकार बताया। श्रमिकों के वेतन समझौते में सरकार गंभीर नहीं दिख रही है। आगामी 12 तक का समय मंागा गया है अगर उस वक्त तक कुछ नही होता है तो यूनियन सीधी कार्रवाई करते हुए आगे बढ़ेगी।इस दौरान यूनियन के पदाधिकारियो में राजेश संधु, आशीष यादव, एके सिंह, जागेश्वर प्रसाद, विनोद कश्यप, चंद्र कुमार मंडावी, देवरायलु, नामदेव, चिन्नास्वामी, रवि मिश्रा एवं अन्य पदाधिकारियो व सदस्यों की मौजूदगी रही।
वर्ष 2022 से लंबित है वेज रिविजन
एनएमडीसी परियेाजना में श्रमिको की वेज रिवीजन 1 जनवरी 2022 में लंबित है। इस हेतु बनाई गई वेज सब कमेटी में विस्तृत चर्चा उपरांत प्रबंधन और यूनियनो के बीच नए वेतन समझौते के मसौदे पर सहमति बनने के बाद 8 अगस्त 2024 को एनएमडीसी प्रबंधन और ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन द्वारा द्विपक्षीय बैठक में वेज सब कमेटी की सिफारिशो की पुष्टि कर दी गई थी। इन सिफारिशो को सितंबर माह में एनएमडीसी के बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी। जिसके बाद इस्पात मंत्रालय की पुष्टि हेतु फाइल मंत्रालय भेजी गई। तब से फाइल इस्पात मंत्रालय से क्लियर होकर वापस नही आई हैै। देरी की वजह से यूनियन के प्रतिनिधियो ने 15 नवंबर 2024 को हैदराबाद में इस्पात सचिव से मिलकर जल्द से जल्द वेतन समझौता लागू करने की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा, इसके बावजूद भी नया वेतन समझौता लागू नहीं हो पाया है।
21 दिसंबर 2024 को ऑल इंडिया एनएमडीसी वर्कर्स फेडरेशन की अध्यक्ष अमरजीत कौर और महामंत्री संजय कुमार सिंह ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री को पत्र लिखकर तथा 22 जनवरी को फेडरेशन की अध्यक्ष ने इस्पात मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर जल्द से जल्द वेतन समझौता लागू करवाने की मंाग की है।
रायपुर में श्रम आयुक्त से हुई मुलाकात
इस बीच सीधी कार्रवाई के नोटिस पर मध्यस्थता करते हुए क्षेत्रीय श्रम आयुक्त केन्द्रीय रायपुर ने प्रबंधन और यूनियनो को 24 जनवरी 2025 को वार्ता हेतु बुलाया था। जहां पर प्रबंधन ने दस्तावेजी प्रमाण के साथ अपना पक्ष रखते हुए कहा कि प्र्रबंधन व यूनियनों के मध्य वेतन समझौते पर सहमति बनने के उपरांत बोर्ड की बैठक में मंजूरी दी जा चुकी है। वेतन समझौते को लागू करने से पहले डीपीई गाइडलाइन के तहत इस्पात मंत्रालय से एप्रूवल के लिए मंत्रालय भेजा गया है जहां से स्वीकृति प्राप्त होते ही वेतन समझौता लागू कर दिया जाएगा।
यूनियनों द्वारा क्षेत्रीय श्रम आयुक्त के समक्ष 15 दिनों के भीतर वेतन समझौता लागू करने की समयसीमा देते हुए स्पष्ट कर दिया है, यदि ऐसा नही किया जाता है तो यूनियन दिए गए नोटिस के अनुसार सीधी कार्यवाही पर जाने के लिए बाध्य होगी।
अन्य मंागों पर क्षेत्रीय श्रम आयुक्त केन्द्रीय ने प्रबंधन को एनएमडीसी में रिक्त पदों पर नियुक्तियो के लिए अतिशीघ्र अधिसूचना जारी करने तथा ठेका श्रमिको के वेज रिवीजन व द्विपक्षीय समझौते के उल्लघंन से संबंधित विषयो पर यूनियनों से चर्चा कर एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए निर्देशित किया है।
फाइल मंत्रालय में ही लंबित होने के प्रमाण प्रस्तुत किए
परियोजना में तीसरी यूनियन खदान मजदूर संघ ने दावा करते हुए सोशल मीडिया के जरिए यह बात बताई कि वेतन समझौते को लेकर किसी भी प्रकार की कोई फाइल मंत्रालय में लंबित नही है। इस दावे को प्रेेस कांफे्रस में दोनो यूनियन ने गलत व भ्रामक बताया।
प्रबंधन व स्टील मंत्रालय के बीच जितने भी पत्राचार हुए है उसकी कॉपियो को सार्वजनिक करते हुए बताया कि कोई अगर यह दावा करे कि मंत्रालय में फाइल लंबित नही है तो यह सरासर झूठ है। फाइल इस्पात मंत्रालय में ही है सारे पत्र व्यवहार अक्टूबर से लेकर अब तक जो भी हुआ उसका सारी प्रतिया है। आरएलसी के समक्ष प्र्रबंधन द्वारा सबमिट किया गया है।
वेस्ट माइंनिंग के मुद्दों पर यूनियन का रूख- प्रबंधन द्वारा 2024 मं यह कंडिशन रखा गया था, वेस्ट माइंनिग के निजीकरण करे तो वेतन समझौता जल्द होगा। जिसे लेकर दोनो श्रम संघ ने इसका विरोध किया है। उस वक्त वर्क टू रूल गये, कर्मियो ने ओव्हर टाइम बंद किया जिसके कारण उत्पादन प्रभावित हुआ और प्रबंधन को झुकना पड़ा। दोनो यूनियन ने साफ रूख करते हुए बताया कि वेस्ट माइनिंग के निजीकरण के खिलाफ है।
कर्मचारियों के इस कदम से लौह अयस्क के उत्पादन पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव
एनएमडीसी लौह अयस्क की अग्रणी कंपनी है। इस बार कंपनी ने वित्तीय वर्ष में 50 मिलीयन टन का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य को प्राप्त करने की समय सीमा मार्च 2025 तक ही है। वित्तीय वर्ष के अंतिम महिनो मेें लौह अयस्क का उत्पादन अपने चरम पर होता है। अगर दोनो ट्ेड यूनियन आगामी 13 से सीधी कार्रवाई में जाती है तो कंपनी के उत्पादन में अवरूध उत्पन्न होगा, साथ ही एनएमडीसी द्वारा उत्पादित लौह अयस्क पर निर्भर उघोगो पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।