निगम घेरा, पुलिस ने सुनाई खरी-खोटी, आश्वासन पर शांत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 3 अप्रैल। अंबिकापुर नगर में नि:स्वार्थ गौ सेवा करने वाले गौ सेवा मंडल के युवकों को रैबिज पीडि़त एक गाय के बछड़े को लेकर घंटों भटकना पड़ा। पशु चिकित्सालय में उपचार नहीं करने व उसके रहने की कहीं व्यवस्था नहीं होने से आहत गौ सेवा मंडल के युवकों ने नगर निगम का घेराव कर दिया। घेराव के बीच निगम आयुक्त ने पशु को ठहरने व उसके उपचार करवाने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद आंदोलन शांत हुआ।
गौ सेवा मंडल के युवकों ने बताया कि पशु चिकित्सालय में बछड़े को नहीं रखने व उपचार नहीं किए जाने की बात के बाद उन्होंने इसकी जानकारी नगर निगम आयुक्त को दी। आयुक्त द्वारा उन्हें कोरोना ड्यूटी में व्यस्त होना कहकर फोन काट दिया, जिससे आक्रोशित युवकों ने निगम का घेराव कर दिया।
घेराव के दौरान युवक मांग कर रहे थे कि बछड़ा एक-दो दिन का मेहमान है। कम से कम सडक़ पर तड़पकर उसकी मृत्यु ना हो और उसकी चपेट में और पशु ना आ पाए। युवक बछड़े को खाली पड़े कांजी हाउस में रखने की मांग कर रहे थे। घेराव के दौरान युवकों ने जमकर नारेबाजी की।
बताया जाता है कि इस बीच कोतवाली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्होंने युवकों के निस्वार्थ सेवा भाव को एक तरफ रखते हुए उल्टा उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाने लगे। पुलिस व निगम प्रशासन के इस रवैया से गौ सेवा मंडल में कार्यरत युवकों ने बताया कि वह निस्वार्थ रूप से कहीं भी गाय के दुर्घटनाग्रस्त या किसी भी स्थिति में उनकी सेवा के लिए तैयार रहते हैं, उन्हें किसी से कोई मदद नहीं मिलता। इसके बावजूद वह गौ सेवा करना चाहते हैं तो उन्हें निगम व पशु विभाग सहयोग नहीं करता, उल्टा पुलिस उन्हें उनकी जिम्मेदारी बताते हुए खरी-खरी खोटी सुनाने लगता है, जिससे उनका मनोबल गिर रहा है।
गौ सेवा मंडल सरगुजा के अध्यक्ष रिंकू तिवारी ने बताया कि वह एवं उनके साथी लंबे समय को गौ सेवा कर रहे हैं। शहर के किसी भी पशुओं के बीमार होने की खबर आते ही सेवा की लिए तत्पर रहते हंै। आज 10 बजे सूचना मिली कि जयस्तंभ चौक के पास एक गाय बीमार है। सूचना मिलते ही गौ सेवा मंडल की टीम उपचार के लिया पहुंची। कुछ प्राथमिक उपचार करने के बाद जब सदस्यों ने देखा कि गाय की हालत गंभीर है, तब तत्काल निगम की गाड़ी बुलवाकर पशु चिकित्सालय अंबिकापुर आया गया।
चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा कहा गया कि गाय को रैबीज की बीमारी है जिसका किसी प्रकार का कोई भी इलाज नहीं है। इस पशु को चिकित्सालय में नहीं उतरवा सकते। तब गौ सेवा मंडल द्वारा इसकी सूचना नगर निगम के आयुक्त को दी गई। आयुक्त द्वारा कोरोना ड्यूटी में व्यस्त होना बता कर फोन काट दिया, फिर मंडल के सदस्यों ने निगम के सभापति अजय अग्रवाल एवं महापौर अजय तिर्की को भी फोन लगाया गया। जिस पर सभापति का कहना था कि जल्द कोई व्यवस्था बनाई जाएगी।
करीब 1 घंटे इंतजार करने के बाद भी किसी गाय की प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे नाराज कार्यकर्ताओं द्वारा निगम का घेराव किया गया था। घेराव के बीच निगम आयुक्त ने पशु को ठहरने व उसके उपचार करवाने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद आंदोलन शांत हुआ।