जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 18 जून। राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डॉ. महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज पीठाधीश्वर श्री शिवरीनारायण मठ ने कल जांजगीर-चांपा जिले के दो अलग-अलग स्थानों पर संचालित गौशालाओं का निरीक्षण किया।
सबसे पहले वे नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत स्थित ग्राम दुरपा में जय मां शबरी गौशाला समिति द्वारा संचालित गौशाला का निरीक्षण किया।
उन्होंने संचालन समिति के अध्यक्ष से पूछा कि पिछले सत्र जब यहां निरीक्षण के लिए आया था तब आपसे कोटना बनाने के लिए कहा था अब तक आपने बनाया नहीं है?
उन्होंने छोटे-छोटे कोटना को दिखाया, तब राजेश्री महंत ने उनसे पूछा कि 198 गौवंशी इतने छोटे कोटना में चारा कैसे प्राप्त करते हैं? यह सुनकर उसने यथाशीघ्र निर्माण कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके पश्चात राजेश्री महन्त जी महाराज चांदी पहाड़ आश्रम गौ सेवा समिति गोवाबंद पहुंच कर गौशाला का निरीक्षण किए जहां उन्होंने बर्षा के पूर्व गायों के टीकाकरण पूर्ण होने की जानकारी ली तथा यह पूछा कि डॉक्टर गायों के इलाज के लिए समय पर आते हैं या नहीं?
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण काल में भी गौ सेवा आयोग के अधिकारियों ने अच्छा कार्य किया। यद्यपि विषम परिस्थितियों का प्रभाव उन पर भी पड़ा। हमारे बीच से अनेक अधिकारी कर्मचारी दिवंगत हुए किंतु इन सब के बाद भी आयोग का कार्य निरंतर संचालित होता रहा, हमारा उद्देश्य ही गौ माता की सेवा करना है।
राजेश्री महंत जी महाराज पामगढ़ विश्राम गृह में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों से भेंट मुलाकात कर शासन के द्वारा संचालित योजनाओं के उचित क्रियान्वयन के संदर्भ में जानकारी ली वे ग्राम रसोटा के मृतक परिवार के कार्यक्रम में भी शामिल हुए एवं शोक संवेदना व्यक्त की।
इस अवसर पर विशेष रूप से जिला पंचायत जांजगीर चांपा के उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, जनपद पंचायत बलौदा के अध्यक्ष प्रतिनिधि कन्हैया राठौर, जनपद सदस्य कमलेश सिंह, पूर्णेन्द तिवारी, अधिवक्ता प्रमोद सिंह, मनोज मित्तल, बसंत अग्रवाल, हर प्रसाद साहू, पामगढ़ के एसडीएम करुण डहरिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एल के कौशिक, तहसीलदार जयश्री पथे, कृषि विस्तार अधिकारी एफ आर साहू, थाना स्टाफ पामगढ़ तथा कल्याण सिंह बर्मन, बंटी थवाईत, एचपी खरे, सरपंच कविता नरेंद्र तिवारी, चुन्ना सिंह, आकाश यादव, अरविंद मिश्रा, सुशील साहू, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।