दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 अप्रैल। वैश्विक महामारी कोरोना ने अपने सगे - संबंधियों के बीच भी दूरियां पैदा कर दी हैं। जीवन के अंतिम सत्य मौत में भी लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में शामिल होने से मुंह मोडऩे लगे हैं। लेकिन समाज में अभी भी ऐसे विरले लोग हैं। जिनकी वजह से मानवता जिंदा है। मानवता का ऐसा ही एक बड़ा उदाहरण दीपक नगर निवासी यादव समाज के गहिरा गुरु राजेश यादव ने पेश कर समाज के लिए बड़ा संदेश दिया हैं। श्री यादव के मानव सेवा के इस सहासिक कार्य को बड़ी प्रशंसा मिल रही हैं। मालूम हो कि कोरोना आपदा के बीच तितुरडीह वार्ड क्रमांक- 22 दुर्ग निवासी निशा देवी सिंह 69 वर्ष पति मोहन जयसिंह की 11 अप्रैल को जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इसकी सूचना निशा देवी के पति, पुत्र और परिवार के अन्य सदस्यों को दी गई, लेकिन कोरोना के भय से परिवार के सदस्य शव को लेने नहीं पहुंचे। यह स्थिति सगे रिश्ते को शर्मसार करने वाली थी। जिसकी खबर यादव समाज के गहिरा गुरु राजेश यादव तक पहुंची और उन्होंने अपनी मानवता का परिचय देते हुए स्व. निशादेवी सिंह के शव का स्थानीय मरच्युरी में पोस्ट पोस्टमार्टम करवाने के साथ-साथ शव का शिवनाथ नदी मुक्तिधाम में पूरे विधि - विधान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करवाई। यहीं नही गहिरा गुरु राजेश यादव द्वारा दाह संस्कार उपरांत निशा देवी की अस्थियों का शिवनाथ नदी में विसर्जन कर पिंडदान की धार्मिक रस्म भी पूरी करवाई गई।
कोरोनाकाल में जब सगे - संबंधी अपने परिजनों के अंतिम संस्कार जैसे कार्यक्रमों से मुंह मोड़ रहे हैं, तब यादव समाज के गहिरा गुरु राजेश यादव की यह पहल मानवता जिंदा होने का बड़ा उदाहरण है, जो समाज के लिए बड़ी प्रेरणादायी साबित हो रही है।