बेमेतरा

प्रजनन करने पहुंचे, पेड़ों पर बड़ी तादाद में दिख रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 25 अप्रैल। प्रवासी पक्षियों के लिए बेमेतरा जिला पहली पसंद बनता जा रहा है। जिले के ग्राम देवरबीजा, सिरवाबाधां, गिधवा परसदा के डैम में दीगर प्रदेश व देश से आने वाले पक्षी प्रजनन काल के दौरान अपना ठिकाना बनाते हैं। इसके बाद अब बेमेतरा और कबीरधाम जिले की सरहद ग्राम पचभैया के बगीचा में एमपी का राजकीय पक्षी दूधराज देखा गया है। इन दिनों भारी संख्या में पक्षी गांव के आसपास डेरा जमाए हुए हैं। अपनी लंबी पूछ की वजह से आकर्षण का केन्द्र बनी इन पक्षियों को देखने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि इन्हें लोगों की पहुंच से दूर रखने का प्रयास किया गया है।
मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज है, जिसका आगमन अमचो पचभैया के बगीचों में देखा गया। गांव के शिक्षक नुतेश्वर चंद्राकर ने बताया कि दूधराज या सुल्ताना बुलबुल, जिसे अंग्रेजी में एशियाई दिव्यलोकी कीटमार कहते हैं। पासरीफोर्मीज जीव वैज्ञानिक गण का मध्य आकार का एक पक्षी है। नरों की दुम पर लंबे पंख होते हैं, जो उत्तर भारत में यह अक्सर सफेद रंग के होते हैं लेकिन अन्य जगहों पर आमतौर पर काले या लाल-भूरे होते हैं।
गांव के ही विनय कुमार पाठक फुलवारी फाउंडेशन के संस्थापक ने बताया कि मध्य प्रदेश का यह राजकीय पक्षी प्रत्येक वर्ष अपने प्रजंनन समय के दौरान अमचो और पचभैया के नदी किनारे बगीचों में आते हैं और प्रजनन के बाद अपने नवजात बच्चों के साथ वापस मध्य प्रदेश चले जाते हैं। यहां बहुत से लुप्त प्रजाति के पक्षियों का बसेरा है, जिनके संरक्षण की बहुत आवश्यकता है।
बाहर से आने वाले पक्षियों को देखकर लोग लगा रहे अटकलें
जिले के कई जलाशयों का जलस्तर सूख चुका है, जिसकी वजह से बाहर से आकर जलाशयों में रूकने वाले पक्षियों की संख्या नहीं के बराबर है। वहीं पेड़ों पर बसेरा कर प्रजनन करने वाले पक्षियों का जिले में प्रवास बना हुआ है। पक्षियों के आगमन व रवानगी को लेकर लोग कई तरह के अटकल लगाते हैं। ज्यादातर आने वाले समय में मौसम का अनुमान, फसल की स्थिति को पक्षियों से जोडक़र देखा जाता है।
वानिकी मामलों के जानकार लक्ष्मीनारायण साहू ने बाहर से आकर जिले में बसेरा जमाने वाले पक्षियों को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाने की लोगों से अपील की है।