‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 मार्च। भाईचारा, एकता और सौहार्दपूर्ण संबंधों का प्रतीक ईदु-उल-फितर (ईद) पर्व चांद दिखने की पुष्टि के बाद आगामी 31 मार्च को मुस्लिम बंधुओं द्वारा मनाया जाएगा। शहर के मस्जिदों में सामूहिक रूप से ‘शुक्राने नमाज ’ अता की जाएगी। पर्व को लेकर समाज के बच्चों में उल्लास का माहौल भी है। पर्व को लेकर समाज के लोग तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं ईद पर्व पर समाज के घरों में सेवाईयों की खुशबू भी महकेंगी।
हालांकि, बाजार में सेवईयों की दुकानें नहीं लगी हुई है। आगामी एक-दो दिन में सेवाईयों की दुकानें लगने से इसकी खरीदी में भी तेजी आने की संभावना है। ईद पर्व पर शहर के जामा मस्जिद, गोलबाजार स्थित नूरी मस्जिद, तुलसीपुर और गौरीनगर स्थित मस्जिदों मुस्लिम समाज के लोग नमाज अता करेंगे। इधर, रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजे रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं।
रमजान का महीना शुरू होते ही मस्जिदों में पांच वक्त के नमाज की रस्म के लिए मुस्लिम समुदाय के बाशिंदे रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं। शहर के मस्जिद रोजेदारों से गुलजार है। नमाज के लिए रोजेदार मस्जिदों में तय समय पर पहुंच रहे हैं। शहर के जामा मस्जिद की कृत्रिम रौशनी से रमजान पर्व की खासियत का पता चल रहा है। इस महीने में चांद के अनुसार 29 या 30 रोजे पूरे होते हैं। वहीं इस्लाम धर्म को मानने वाले अल्लाह की इबादत करते हैं। रोजेदारों की इस इबादत का इनाम अल्लाह इस माह के रोजे पूरे होने पर इर्द के रूप में देता है। रमजान का महीना शुरू होने के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज भी पढ़ाई जा रही है। रमजान का महीना अल्लाह की रहमतों से भरा हुआ होता है। मुस्लिम समाज में रमजान के महीने में बच्चों से लेकर हर उम्र के लोगों द्वारा रोजे रखे जा रहे हैं। इस दौरान सूर्यास्त से पहले सेहरी और सूर्यास्त के बाद इफ्तार किया जाता है।
प्रेमभाव व शांति के लिए प्रेरित करता है रमजान
इस्लाम धर्म में रमजान एक बहुत ही पवित्र और विशेष महीना माना जाता है। जिसमें पूरे माह रोजा यानी व्रत रखा जाता है और अंत में रमजान की समाप्ति के बाद अगले माह शव्वाल की पहली तारीख को ईदुल-फितर का त्यौहार मनाया जाता है। रमजान का महीना कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें न केवल पूरे माह रोजा रखकर इबादत की जाती है, बल्कि पूरे माह दूसरों के प्रति नफरत, ईष्र्या, भेदभाव, द्वेष की भावना से दूर रहकर आपस में हर किसी के लिए प्रेम भाव, अमन-शांति के साथ रहते हुए हर किसी को गरीब, बेसहारा और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों की सहायता के लिए प्रोत्साहित करता है। इस महीने में यह सीख आगे के जीवनकाल में खुद के प्रति अनुशासित रहने के साथ समाज के लिए नम्र और निष्ठावान रहने के लिए प्रेरित करता है।
बाजार में बढ़ी हलचल
ईद-उल-फितर (ईद) पर्व चांद दिखने की पुष्टि के बाद 31 मार्च को मनाने की तैयारी को लेकर बाजार में हलचल तेज हो गई है। मुस्लिम समाज के लोग पर्व की तैयारियों को लेकर बाजार भी पहुंचने लगे हैं। पर्व पर बच्चों के लिए नए कपड़े, महिलाएं साड़ी व अन्य सामग्रियों के अलावा अन्य सामानों की खरीदी करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। हालांकि पर्व को लेकर आगामी दिनों में बाजार में और भी ग्राहकी बढऩे की उम्मीद है। इधर रोजेदार भी अल्लाह की इबादत में रोजे रख रहे हैं।