रायपुर

लोन के बदले गिरवी रखे जेवर बैंक ने किए नीलाम, 409 दर्ज
20-Mar-2025 5:50 PM
लोन के बदले गिरवी रखे जेवर बैंक ने किए नीलाम, 409 दर्ज

कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 मार्च। आईसीआईसीआई बैंक सिविल लाइंस मैनेजर ने कर्ज के बदले अपने यहां गिरवी रखे 14.63 लाख के जेवरों को नीलाम कर दिया। प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट भारती कुलदीप  के आदेश पर पुलिस ने बैंक पर धारा 409 गबन का मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक सी 47 देवेंद्र नगर निवासी अंकित अग्रवाल (37) ने सितंबर 21 को14, 63,429 रूपए का गोल्ड लोन लिया था। और इसके बदले जेवर बैंक रहन रखे थे। बैंक के सक्षम प्राधिकारी मे अंकित को सूचित किए बगैर जेवर नीलाम कर दिया। इस पर अंकित ने कोर्ट में आवेदन दिया। और कोर्ट के 20 जनवरी 25 के आदेश पर पुलिस ने मंगलवार रात परिवाद दायर करने का आदेश दिया। पुलिस ने बैंक के ब्रांच में लोन मैनेजर और सक्षम प्राधिकारी आईसीआईसीआई बैंक टॉवर बांद्रा पर केस दर्ज किया है।

अंकित ने गोल्ड लोन की सुविधा के तहत् अपनी आवश्यकताओं के लिए अपने माता, पत्नी एवं भाभी के कीमती तथा पारिवारिक सोने और हीरे के जेवरातों को गिरवी रखा था। इस पर बैंक ने 14,63,429/-रुपये  ब्याज दर नियत तथा 10.50 प्रतिशत प्रति वर्ष के अनुसार मासिक ब्याज दर अदा करने सुविधा की समयावधि 12 माह, अंतिम समापन तिथि 5 जनवरी 22 तक के लिए गोल्ड लोन 28 जनवरी 21 को  लोन स्वीकृत किया।  लोन की समयावधि 28 जनवरी 2021 से प्रारंभ हुई, किन्तु कोविड-19 के कारण अंकित के व्यापार व्यवसाय में परेशानी के कारण शुरू की दो किश्त छूट गई, किन्तु  26 मार्च 21 को अंकित के द्वारा 21,508/-रुपये ब्याज की राशि के रूप में जमा किया।

इसके पश्चात् कोविड-19 की द्वितीय लहर आ गयी तथा 8 अप्रैल से पुन: लॉकडाउन के कारण व्यापार/व्यवसाय पूर्णत: बंद हो गया जिसके कारण जन सामान्य को गंभीर आर्थिक क्षति सहन करना पड़ा है, जिसमें अंकित भी अन्य जन समान्य की तरह से आर्थिक एवं मानसिक रूप से प्रभावित हुआ। अंकित ने  ने बैंक में कुल 37 सोने के विभिन्न जेवरात जिनका वजन 435.15 ग्राम तथा जेवरातों की वास्तविक तत्कालीन बाजार मूल्य 17,21,681/-रुपये (सत्रह लाख इक्कीस हजार छ: सौ इक्यासी रुपये) का आंकलन किया था।  बैंक ने  12 जनवरी 21 को 26,864/-रुपये की राशि की मांग की ।किन्तु लॉकडाउन के कारण अंकित  स्वयं तथा परिवार में कोरोना पीडि़त होने के कारण बैंक नहीं आ पाए ना ही संपर्क कर पाए।  पुन: एक अन्य सूचना पत्र  16/06/2021 परिवादी को जुलाई 2021 में प्राप्त हुआ, इस सूचना पत्र में बैंक ने नीलामी की तारीख के संबंध में सूचना प्रेषित की गई। किन्तु जब तक परिवादी को यह पत्र प्राप्त हुआ तब तक नीलामी की तिथि जा चुकी थी।

फिर बैंक से फोन के माध्यम से सूचना आने के पश्चात् 14/07/2021 को 10,000/-रुपये,  22/07/2021 को 20,000/-रुपये तथा 28/07/2021 को 10,000/-रुपये नगद बैंक में जमा किए गए । तब तक भी परिवादी को बैंक के किसी भी प्रतिनिधि ने  गहनो की नीलामी के संबंध में कोई सूचना नहीं दी ।तथा बार-बार पुन: ब्याज की राशि जमा करने के लिए दबाव बनाया गया। अंकित ने  08/09/2021 को 8,000/-रुपये तथा 09/09/2021 को 7,000/-रुपये अपने गोल्ड लोन के खाते में जमा किया।  बैंक से फोन पर मासिक ब्याज की शेष राशि जमा करने कहने पर बैंक बुलाने पर 21/09/2021 को ज्ञात हुआ कि, अंकित के गहनो को बैंक प्रबंधन ने 09/09/2021 को ही नीलामी कर दिया । अंकित बेहद सदमें आ गया, क्योंकि वह अपने परिवार में इस बात को बता भी नही पाया तथा तबीयत बिगड़ गई। तब अंकित के बड़े भाई  अनिल अग्रवाल ने एक आवेदन पत्र अपने भाई अंकित अग्रवाल की ओर से आईसीआईसीआई बैंक, सिविल लाईन, रायपुर छग में धोखाधड़ी से सोना बेचने के संबंध में प्रस्तुत किया। जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। और फिर कोर्ट में मामला दर्ज कराया।

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