‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 मार्च। जनपद पंचायत बलौदाबाजार परिसर में रविवार, 16 मार्च को नवनिर्वाचित जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा सहित कई बड़े नेता, अधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे। पूरा कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद परिसर की सफाई को लेकर जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आ रही है।
दो दिन बीत जाने के बावजूद जनपद पंचायत परिसर में फैली गंदगी को हटाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई है, जिससे आम नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है।
गंदगी बनी खतरा, मवेशियों की जान पर बन आई
जनपद पंचायत बलौदाबाजार परिसर में शपथ ग्रहण समारोह के बाद फैली गंदगी अब मवेशियों के लिए खतरा बन गई है। परिसर में बिखरे पत्तल, डिस्पोजल और पन्नियों को गाय-भैंस जैसे आवारा मवेशी खा रहे हैं, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। प्लास्टिक और पन्नी खाने से मवेशियों के बीमार होने और यहां तक कि जान जाने का खतरा बना रहता है। जिम्मेदारों की लापरवाही न सिर्फ परिसर की स्वच्छता को प्रभावित कर रही है, बल्कि बेजुबान जानवरों के लिए भी घातक साबित हो रही है। अगर जल्द सफाई नहीं कराई गई, तो यह बड़ी समस्या बन सकती है।
गंदगी का अंबार, बदहाल व्यवस्था
शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद जनपद पंचायत परिसर में जगह-जगह पत्तल, डिस्पोजल कप, पानी की बोतलें, नाश्ते के पैकेट की पन्नियां और पॉलिथीन बिखरी पड़ी हैं। पूरा परिसर कूड़े के ढेर में तब्दील हो चुका है, जिससे वहां आने-जाने वाले लोग बेहद परेशान हैं। जनपद कार्यालय में प्रतिदिन अधिकारी, कर्मचारी एवं ग्रामीण अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं, लेकिन फैली गंदगी के कारण परिसर की सूरत बदहाल नजर आ रही है।
स्वच्छता विभाग के रहते भी सफाई का अभाव
जनपद पंचायत के अधीन बाकायदा एक स्वच्छता विभाग कार्यरत है, जिसका मुख्य कार्य क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करना है। इसके बावजूद, जनपद पंचायत कार्यालय में ही सफाई की अनदेखी की जा रही है। सवाल उठता है कि जब खुद पंचायत कार्यालय की यह स्थिति है, तो पंचायत क्षेत्र के अन्य गांवों में सफाई व्यवस्था कैसी होगी?
कार्यक्रम सफल, लेकिन सफाई की जिम्मेदारी किसकी?
यह कोई पहला मौका नहीं है जब किसी सरकारी कार्यक्रम के बाद कचरे की अनदेखी की गई हो। अकसर बड़े आयोजनों के बाद सफाई को लेकर प्रशासन की लापरवाही देखने को मिलती है। जनपद पंचायत का यह कार्यक्रम भले ही बड़े नेताओं और अधिकारियों की मौजूदगी में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया, लेकिन कार्यक्रम समाप्त होते ही परिसर की साफ-सफाई की जिम्मेदारी से सबने आंखें मूंद लीं।
कौन लेगा जिम्मेदारी?
जनपद पंचायत कार्यालय आने वाले लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि जब खुद जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रम के बाद सफाई नहीं की जा रही है, तो आम नागरिकों को
स्वच्छता का संदेश कैसे दिया जाएगा?
नागरिकों का कहना है कि एक तरफ सरकार ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को बढ़ावा देने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संस्थानों में ही गंदगी का यह आलम है।