‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 मार्च। बीईओ कार्यालय सरायपाली में अधिकारी एवं कर्मचारी का मिलीभगत से अवकाश नगदीकरण का भुगतान में लाखों रुपए अनियमितता की खबर है। जानबूझकर गड़बड़ी की शिकायत पर जांच हेतु संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर से चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। जांचकर्ता अधिकारियों ने 27 मार्च को जांच तिथि निर्धारित किया है।
इस बाबत शिकायतकर्ता विनोद कुमार दास ने जानकारी दी है कि बीते 04 दिसम्बर 2024 को अमिताभ जैन आईएएस मुख्य सचिव छ.ग. शासन, सिद्वार्थ कोमल परदेशी आईएएस छ.ग. स्कूल शिक्षा विभाग एवं राकेश पांडेय संभागीय संयुक्त संचालक को लिखित में शिकायत की थी। लिहाजा संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय से 31 दिसम्बर 2024 को इस मामले की जांच के लिए अजीत सिंह जाट सहायक संचालक, रमेश कुमार देवांगन वरिष्ठ लेखा परीक्षक, प्राचार्य शासकीय उच्च. माध्यमिक धरसींवा, चन्दन निषाद सहायक ग्रेड 03 का दल बनाया गया है। विनोद कुमार दास ने बताया कि इस प्रकरण में पहली ओिशकायत पर जांच नहीं हुई तो पुन:इसी मामले की शिकायत की थी। तब जाकर जांच तिथि तय की गई है।
उनका आरोप है कि वर्ष 2018 से वर्तमान तक बीईओ कार्यालय सरायपाली में शिक्षकों एवं एल.बी. संवर्ग के शिक्षकों के मृत्यु व सेवानिवृत्त प्रकरण में अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान मनमानी तरीके से किया गया है। जो शासन के निर्धारित दिशा निर्देश के विपरीत है। छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता व छत्तीसगढ़ कोषालय संहिता का पालन नहीं किया है। इस वित्तीय अनियमितता में बीईओ व लिपिकों की संलिप्तता होने की आशंका है।
उक्त शिकायत पर संभागीय संयुक्त संचालक ने प्रकाश चन्द्र मांझी बीईओ को जांच मेें उपस्थित होने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त बीईओ के माध्यम से 27 मार्च को समस्त लेखापाल व लिपिकों की उपस्थिति दस्तावेज सहित सुनिश्चित करवाने के निर्देश भी दिये गये हैं। उक्त अवधि में इस कार्यालय में सत्य नारायण शर्मा, गोविन्द दास, निरंजन कोसरिया, सूर्यकांत मिश्रा, रूपेश महापात्र पदस्थ होकर कार्यरत रहे हैं।