‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 फरवरी। नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में बढ़-चढक़र हिस्सा लेने के साथ ही नक्सलियों को मार गिराने के चलते पुलिस विभाग की ओर से आउट ऑफ टर्न दिया गया था, जिसके चलते एएसआई के पद पर प्रमोशन किया गया था। कुछ दिनों में बीमार होने के बाद राजधानी में इलाज चल रहा था, जहाँ उपचार के दौरान निधन हो गया। इसकी जानकारी लगने के बाद परिजनों के साथ ही पुलिस विभाग के साथियों में भी शोक की लहर छा गई।
बताया जा रहा है कि जांजगीर चाँपा निवासी विवेक कौशले ने वर्ष 2010 में सिविल पुलिस ने आरक्षक के तौर पर अपनी सेवा बस्तर से शुरू की, जहाँ ड्यूटी के दौरान बस्तर जिले के बुरगुम में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में विवेक कौशले ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया था।
इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को मार गिराने के चलते उन्हें आउट ऑफ टर्न देते हुए हवलदार के पद पर प्रमोशन दिया गया। उसके बाद हवलदार रहते हुए कोतवाली थाना भेजा गया, जहाँ वहां भी काम करने के दौरान नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले दरभा में एक बार फिर से नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई। उस मुठभेड़ में भी विवेक ने बढ़ कर हिस्सा लिया। इस मुठभेड़ में भी नक्सलियों को मार गिराने के चलते विवेक को दुबारा आउट ऑफ टर्न दिया गया, जहाँ उसे हवलदार से एएसआई के पद पर प्रमोशन दिया गया।
प्रमोशन होने के बाद विवेक पीपी कोर्स करने के लिए राजनांदगांव गया, जहाँ अचानक से स्वास्थ्य खराब होने के कारण इलाज के लिए रायपुर भेजा गया, जहाँ जांच के लिए कुछ सैम्पल बेंगलुरु भेजा गया, जहाँ उन्हें कैंसर पॉजिटिव पाया गया।
बीमारी के दौरान रायपुर में कैंसर का इलाज चल रहा था, जहाँ मंगलवार की शाम को निधन हो गया। निधन के खबर का पता चलते ही घर में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं पुलिस विभाग के साथियों के द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धांजलि देने का सिलसिला शुरू हो गया। विवेक के पार्थिव शरीर को उनके गृहग्राम भेज दिया गया है, जहाँ अंतिम संस्कार किया गया।