बस्तर में नक्सलियों के लिए नहीं बचा कोई महफूज ठिकाना- डीजीपी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 10 फरवरी। बस्तर में बढ़ते पुलिस दबाव के बीच 9 फरवरी को फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के बड़ेकाकलेड़ और अन्नापुर के जंगलों में हुई भीषण मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में डीआरजी के जवान नरेश ध्रुव और एसटीएफ के जवान वसित रावटे वीरगति को प्राप्त हो गए।
मुठभेड़ के बाद शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर से बीजापुर लाया गया,यहां न्यू पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान नम आँखों से जवानों को अंतिम विदाई दी गई। इसके बाद शहीदों के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ हेलीकॉप्टर के माध्यम से उनके गृह ग्राम के लिए रवाना कर दिया गया।
डीजीपी बोले - बस्तर में नक्सलियों का खात्मा तय
श्रद्धांजलि सभा के बाद यहां पहुंचे डीजीपी अरुण देव गौतम ने शहीद जवानों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि अब बस्तर में नक्सलियों के छुपने के लिए कोई महफूज ठिकाना नहीं बचा है। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षाबलों की रणनीति और स्थानीय सहयोग से नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
परिजनों को बंधाया ढांढस
इस श्रद्धांजलि सभा में शहीद जवानों के परिजन भी शामिल हुए। डीजीपी गौतम ने उन्हें ढांढस बंधाया और सरकार व प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
नेताओं और अफसरों की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में बस्तर आईजी पी. सुंदरराज, बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और विधायक विक्रम मंडावी भी मौजूद रहे। सभी ने शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनकी कुर्बानी को सलाम किया।