‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 23 जनवरी। शिक्षा विभाग की लापरवाही और अनुशासनहीनता का एक और मामला सामने आया है। परीक्षा के समय जब बच्चों को स्कूल में पढ़ाई होनी चाहिए, तब जिले के सरकारी शिक्षकों द्वारा जंगल में पार्टी करने का मामला सामने आया है।
मामला बोड़ला ब्लॉक के कवर्धा से लगे रौचन स्कूल का है, जहां विकासखंड शिक्षा अधिकारी के कथन अनुसार शिक्षक ट्रांसफर होने पर साथी शिक्षक को विदाई पार्टी देने के लिए स्कूल को दिन में न लगाकर सवेरे लगाकर छुट्टी कर दिया गया है।
रोज सुबह 10 बजे स्कूल शुरू होता है लेकिन जिस समय शिक्षकों को कक्षाओं में होना चाहिए था, उसी समय वे भोरमदेव के जंगल में पार्टी करते नजर आए।
रोचन स्कूल के बच्चों ने बताया कि उन्हें छुट्टी दे कर स्कूल में ताला लगा इनके शिक्षक पिकनिक पर गए हैं।
बीईओ भी जानते थे, फिर भी कार्रवाई नहीं...
बोड़ला के खंड शिक्षा अधिकारी भानु चंद्राकर (बीईओ) ने मामले पर कहा कि उन्हें इसकी कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई थी। लेकिन जब उनसे ऑफ कैमरा बात की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें भी पार्टी में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
हालांकि अब वे कह रहे हैं कि शिक्षकों और संकुल प्रभारी को नोटिस दे रहे हैं।
ब्लॉक के स्कूलों का है यह हाल
यह मामला किसी एक स्कूल या शिक्षकों का नहीं बल्कि बोड़ला ब्लॉक के कई स्कूलों का है, जहां आए दिन शिक्षकों के द्वारा कोई ना कोई मामला बात कर छुट्टी दे दिया जाता है। वनांचल के क्षेत्र में तो एक ही टाइम एक घंटे के लिए नाम के लिए स्कूल लगता है।
आचार संहिता के बावजूद कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना
चुनावी आचार संहिता लागू होने के बावजूद शिक्षकों का यह गैरजिम्मेदाराना रवैया बेहद चौंकाने वाला है। यह कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना है। शिक्षा विभाग के ऐसे व्यवहार से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।