‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 जनवरी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के आव्हान पर भाजपा सरकार द्वारा षडयंत्र पूर्वक ओबीसी के आरक्षण में कटौती की है। जिसके विरोध में महासमुंद कांग्रेस कमेटी ने धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर विरोध-प्रदर्शन किया।
कांग्रेसियों ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधान में दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते अधिकांश जिला और जनपद पंचायत में ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है। प्रदेश के 16 जिला पंचायत और प्रत्याशी जनपदों में जहां पहले 25प्रतिशत सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हुआ करती थी लेकिन अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है। मैदानी क्षेत्र में अधिकतर पंचायतें ऐसी है जहां पर लगभग 90 से 99प्रतिशत आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है लेकिन वहां पर भी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है।
पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में कम है। पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीट अब सामान्य घोषित हो चुकी है. शायद सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था वह अब अनारक्षित सीट घोषित हो गई है।
बस्तर सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ है। सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर बलरामपुर सूरजपुर कोरिया मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर और सोनहत बस्तर के सात जिले बस्तर,कांकेर, कोण्डागांव,दंतेवाड़ा,नारायणपुर,सुकमा,बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर,गौरेला पेंड्रा मरवाही और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है।
इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरी निकाय चुनाव) में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत जनपद पंचायत सरपंच और पंचों का आरक्षण में ओबीसी के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती इस सरकार ने की है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बदनीयत के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग की उम्मीदवार चुनाव लडऩे से वंचित हो गए हैं स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के संदर्भ में साय सरकार ने जो दुर्भावना पूर्वक संशोधन किया है वह अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय है अत्याचार है।
भारतीय जनता पार्टी के मूल चरित्र आरक्षण विरोधी है जब ये विपक्ष में थे तब विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक को रोका जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 से बढक़र 27 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान था 2 दिसंबर को पारित किया विधेयक भाजपा के षडयंत्रों के चलते ही आज तक राजभवन में लंबित है अब स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के नियमों में बदलाव करके ओबीसी अधिकारों में दुर्भावना पूर्वक कटौती किया गया है।
उक्त धरना-प्रदर्शन एवं घेराव में पंकज शर्मा नगर पालिका पर्यवेक्षक, डॉ. रश्मि चंद्राकर जिलाध्यक्ष, विनोद चंद्राकर पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव, खिलावन बघेल शहर अध्यक्ष, ढेलू निषाद ग्रामीण अध्यक्ष, खिलावन साहू ग्रामीण अध्यक्ष, राशि महिलांग नगर पालिका अध्यक्ष, कृष्ण चंद्राकर उपाध्यक्ष नगर पालिका, दाऊलाल चंद्राकर, नरेंद दुबे, संजय शर्मा, मोहित ध्रुव, मनोजकांत साहू, त्रिभुवन महिलांग, हीरा बंजारे, प्रमोद चंद्राकर, सती साहू, अरुण चंद्राकर, नारायण नामदेव, सोमेश दवे, गौरव चंद्राकर, प्रदीप चंद्राकर, विजय साव, राजू साहू, डॉ.तरुण साहू, मिंदर चावला, राजेश नेताम, निखिलकांत साहू, बबलू हरपाल, भरत ठाकुर, अजय थवाईत, लता कैलाश चंद्राकर, राजेश नेताम, देवेश शर्मा, पिंकी बघेल, प्रीति साहू, नुकेश महंत, टोवा राम कन्नौजे, मो. मंसूर खान, राहुल अवाड़े, तबरेज खान, दशोदा ध्रुव, रवि ध्रुव, बादल बघेल, ईशा टंडन, माया पांडे, सोनम रामटेके, ममता चंद्राकर, कातिका पैकरा, भूमिका ध्रुव, लक्ष्मी सोनी, सलमान, देवनारायण ध्रुव, सूरज नायक, अब्दुल जावेद, निहार राव चकोले, जय पवार, गोविंद चंद्राकर, टोमन सिंग कागजी, प्रकाश अजमानी, मिंदर चावला,मोती साहू, लीलू साहू, अरिन चंद्राकर, पुष्पेंद चंद्राकर,मेहुल सूचक, एजाज जेहरा नकवी, शकील खान,अनवर हुसैन,बसंत चंद्राकर, लखन चंद्राकर, सन्नी महानंद, चंद्रेश साहू, रविन्द्र बबलू महानंद, सुरेन्द्र ठाकुर, युवराज साहू, एरिस अनवर, अनीश रजवानी, संतोष ठाकुर, इब्राहिम खान, दिया हरपाल, कान्हा प्रधान, भानु सोनी ने अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में जाकर ज्ञापन सौंपा।